महाशिवरात्रि पर्व पर इस वर्ष श्रद्धालु ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर जल नहीं चढ़ा सकेंगे। पूजन सामग्री भी मंदिर के मुख्य द्वार पर ही ले ली जाएगी। यह निर्णय ज्योतिर्लिंग के क्षरण को रोकने की खातिर लिया गया है।
कलेक्टर एसबी सिंह की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में ज्योतिर्लिंग के क्षरण पर भी चिंता जताई गई और इस ओर कदम उठाना सुनिश्चित किया गया।
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बैठक में तय किया गया कि ज्योतिर्लिंग पर सीधे जल नहीं चढ़ेगा। इसके स्थान पर मंदिर के द्वार पर ही समस्त जल, पात्र में एकत्रित कर सायफन या मोटर पंप द्वारा ज्योतिर्लिंग तक पहुँचाएँगे तथा बेलपत्र एवं हार-फूल मुख्य द्वार पर ही एकत्रित कर लिए जाएँगे।
मंदिर के गर्भगृह में सीसी कैमरे लगाने तथा परिसर में दो एलसीडी टीवी लगाने का फैसला भी किया गया ताकि श्रद्धालु बाहर भी ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर सकें। घाट से कोटि तीर्थ तक नाव परिवहन पूर्ण रूप से बंद रखने, केवल ओंकार मठ तक चलाने, नर्मदाजी के पानी का जलस्तर समान रखने, नर्मदा-कावेरी संगम पर घाट बनाने का प्रस्ताव का निर्णय लिया गया।