मौद्रिक समीक्षा के पहले शेयर बाजारों में लगातार तीसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 568 अंक और टूटा

Webdunia
मंगलवार, 7 जून 2022 (19:53 IST)
मुंबई। कमजोर वैश्विक संकेतों के साथ भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा को लेकर निवेशकों के सतर्क रुख अख्तियार करने से घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और मानक सूचकांक सेंसेक्स 567.98 अंक लुढ़क गया।
 
कारोबारियों का कहना है कि विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार से निकासी का सिलसिला जारी रहने से भी कारोबारी धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपए में आई रिकॉर्ड गिरावट से भी बिकवाली का जोर रहा।
 
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के अंत में 567.98 अंक यानी 1.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55,107.34 अंक पर आ गया। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 792.91 अंक यानी 1.42 प्रतिशत तक टूट गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 153.20 अंक यानी 0.92 प्रतिशत गिरकर 16,416.35 अंक के स्तर पर बंद हुआ।
 
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाइटन को सर्वाधिक 4.48 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। डॉ. रेड्डीज, लार्सन एंड टुब्रो, एचयूएल, एशियन पेंट्स, बजाज फाइनेंस, टीसीएस और नेस्ले के शेयर भी घाटे के साथ बंद हुए। इसके उलट एनटीपीसी, मारुति, एमएंडएम, भारती एयरटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के रूप में सिर्फ पांच कंपनियां ही बढ़त लेने में सफल रहीं। इनके शेयरों में 1.35 प्रतिशत तक की तेजी रही।
 
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार में जारी उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को मौद्रिक समीक्षा के पहले किनारे रहने को मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि बाजार रेपो दर और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.50 प्रतिशत तक की वृद्धि के लिए तैयार हो चुका है लेकिन इससे ज्यादा बढ़ोतरी होने की स्थिति में बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
 
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की इस समय द्विमासिक समीक्षा बैठक चल रही है और बुधवार को इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी जाएगी। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं कि नीतिगत दर में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहेगा।
 
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी एवं डेरिवेटिव विश्लेषक कुणाल शाह ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर बना हुआ है लेकिन मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे सामने आने के बाद ही बाजार का स्पष्ट रुख पता चल पाएगा। बीएसई मिडकैप में 0.77 प्रतिशत और स्मॉलकैप में 0.67 प्रतिशत की गिरावट आई। वैश्विक बाजारों में ऑस्ट्रेलिया के केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने से गिरावट का रुख देखा गया।
 
एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में गिरावट आई जबकि जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। यूरोप के बाजारों में दोपहर के सत्र में गिरावट का रुख देखा जा रहा था। सोमवार को अमेरिका में बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.26 प्रतिशत गिरकर 119.21 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
 
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे लुढ़क गया और भारतीय मुद्रा 77.73 के एतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जारी रखा है। शेयर बाजारों के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को विदेशी निवेशकों ने 2,397.65 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे।

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