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Stock Market Crash का असर, निवेशकों के 7.55 लाख करोड़ स्वाहा, क्यों डरा हुआ है शेयर बाजार

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुंबई , मंगलवार, 21 जनवरी 2025 (22:24 IST)
indian stock market crashes : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार ग्रहण करने के बाद कनाडा और मेक्सिको पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इससे भारतीय शेयर बाजार सहम गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही धड़ाम हो गए। बीएसई सेंसेक्स में 1200 अंक से अधिक गिरावट आई जबकि निफ्टी 50 भी 23,000 अंक से नीचे आ गया। इस गिरावट से बीएसई लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 7.55 लाख करोड़ रुपए  घटकर 425.35 लाख करोड़ रुपए रह गया।
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रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, जोमैटो, एसबीआई और एचडीएफसी बैंक जैसे हैवी वेटेज वाले शेयरों में गिरावट की वजह से बाजार में गिरावट आई। अब तक ज्यादातर देसी कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से कम रहे हैं। इसका निवेशकों के सेंटीमेंट पर नेगेटिव असर पड़ा है।
 
स्मॉल कैप में गिरावट : उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स 1,235.08 अंक यानी 1.60 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ सात महीनों के निचले स्तर 75,838.36 पर आ गया। इसके अलावा छोटी कंपनियों के बीएसई स्मालकैप सूचकांक में 1.94 प्रतिशत और मझोली कंपनियों के मिडकैप सूचकांक में दो प्रतिशत की गिरावट भी दर्ज की गई।
 
चौतरफा गिरावट : इस चौतरफा गिरावट से बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 7,52,520.34 करोड़ रुपये गिरकर 4,24,07,205.81 करोड़ रुपये (4.90 लाख करोड़ डॉलर) रह गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भी जमकर बिकवाली की। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 5,920.28 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे।
 
गिरावट का रहा यह असर 
1. डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। उनकी वीजा नीतियों का असर भारतीय तकनीकी क्षेत्र पर भी पड़ सकता है। ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत पर भी उनकी टेढ़ी नजर है। इसका असर आज भारतीय बाजार पर देखने को मिला। 
 
2. भारतीय अर्थव्यस्था में कमजोरी के संकेत 
भारतीय अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेत दिख रहे हैं, जिससे बाजार में सतर्कता का माहौल है। जीडीपी की रफ्तार सुस्त होकर दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। बाजार में मांग में वृद्धि नहीं है। यह भी बाजार की धारणा को प्रभावित कर रहा है।
 
3. बजट को लेकर सतर्कता का रुख 
1 फरवरी को देश का बजट पेश होगा। ट्रंप के बाद अब निवेशकों की नजर बजट पर है। उम्मीदों में कोई भी निराशा पहले से ही कमजोर बाजार की धारणा को और झटका दे सकती है। इसका असर भी बाजार पर हुआ। 
 
4. तिमाही के कमजोर नतीजे
कंपनियों की पहली और दूसरी तिमाही की आय में कमी के बाद, दिसंबर तिमाही की आय में भी अब तक कोई खास सुधार नहीं हुआ है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में मिश्रित रुझान देखने को मिले हैं।
 
5.  विदेश निवशकों की बिकवाली
अमेरिकी डॉलर में मजबूती और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाला जा रहा है। यह हाल के महीनों में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण है। Edited by : Sudhir Sharma

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