Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

sharad poornima pooja vidhi 2019 : शरद पूर्ण‍िमा का महत्व, पूजा विधि और सावधानियां

हमें फॉलो करें sharad poornima pooja vidhi 2019 :  शरद पूर्ण‍िमा का महत्व, पूजा विधि और सावधानियां
बड़ी ही उत्तम तिथि है शरद पूर्णिमा। इसे कोजागरी व्रत के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन इतना शुभ और सकारात्मक होता है कि छोटे से उपाय से बड़ी-बड़ी विपत्तियां टल जाती हैं। 
 
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इसी दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसलिए धन प्राप्ति के लिए यह तिथि सबसे उत्तम मानी जाती है। इस दिन प्रेमावतार भगवान श्रीकृष्ण, धन की देवी मां लक्ष्मी और सोलह कलाओं वाले चंद्रमा की उपासना से अलग-अलग वरदान प्राप्त किए जाते हैं। 
 
शरद पूर्णिमा का महत्व
 
- शरद पूर्णिमा काफी महत्वपूर्ण तिथि है, इसी तिथि से शरद ऋतु का आरम्भ होता है।
 
- इस दिन चन्द्रमा संपूर्ण और सोलह कलाओं से युक्त होता है।
 
- इस दिन चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है जो धन, प्रेम और सेहत तीनों देती है।
 
- प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था।
 
- इस दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन सेहत, अपार प्रेम और खूब सारा धन पाया जा सकता है।
 
- पर प्रयोगों के लिए कुछ सावधानियों और नियमों के पालन की आवश्यकता है. 
 
शरद पूर्णिमा पर यदि आप कोई महाप्रयोग कर रहे हैं तो पहले इस तिथि के नियमों और सावधानियों के बारे में जान लेना जरूरी है.
 
शरद पूर्णिमा व्रत विधि
 
- पूर्णिमा के दिन सुबह में इष्ट देव का पूजन करना चाहिए। 
 
- इन्द्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर उसकी गन्ध पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए। 
 
- ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्हें दान दक्षिणा प्रदान करनी चाहिए। 
 
- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रुप से किया जाता है. इस दिन जागरण करने वालों की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। 
 
- रात को चन्द्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करना चाहिए। 
 
- मंदिर में खीर आदि दान करने का विधि-विधान है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद की चांदनी से अमृत बरसता है।  
 
शरद पूर्णिमा की सावधानियां
 
- इस दिन पूर्ण रूप से जल और फल ग्रहण करके उपवास रखने का प्रयास करें। 
 
- उपवास ना भी रखें तो भी इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करना चाहिए।  
 
- शरीर के शुद्ध और खाली रहने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से अमृत की प्राप्ति कर पाएंगे।  
 
- इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें, चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा।  

 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पाक्षिक-पंचांग : 25 अक्टूबर को धनतेरस, 27 को मनेगी दीपावली, होगा महालक्ष्मी पूजन