शनि प्रदोष व्रत 2020 : आज इन 10 सरल उपायों से Shani होंगे प्रसन्न, जानिए महत्व

Webdunia
वर्षभर में हर महीने में दो बार एक शुक्ल और दूसरा कृष्ण पक्ष में प्रदोष का व्रत आता है। यह व्रत द्वादशी/त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। अगर किसी भी जातक को भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना हो तो उसे प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। इस व्रत को करने से शिव प्रसन्न होते हैं तथा व्रती को सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति करवाने के साथ-साथ पुत्र प्राप्ति का वर भी देते हैं। 
 
इसके साथ ही अगर किसी खास दिन यह व्रत आता है तो उस दिन से संबंधित देवता का पूजन करना अतिलाभदायी माना गया है। अत: इस दिन कोई भी जातक पूरी श्रद्धा व मन से शनि देव की उपासना करें तो उसके सभी कष्‍ट और परेशानियां निश्चित ही दूर होते हैं तथा शनि का प्रकोप, शनि की साढ़ेसाती या ढैया का प्रभाव की कम हो जाता है, इसका अनुभव जातक स्वयं लेकर फिर दूसरे किसी अन्य पीड़ित के कष्ट को दूर कर सकता है। 
 
इस व्रत में प्रदोष काल में आरती एवं पूजा होती है। संध्या के समय जब सूर्य अस्त हो रहा होता है एवं रात्रि का आगमन हो रहा होता है उस प्रहार को प्रदोष काल कहा जाता है। ऐसा माना जाता है की प्रदोष काल में शिव जी साक्षात शिवलिंग पर अवतरित होते हैं और इसीलिए इस समं शिव का स्मरण करके उनका पूजन किया जाए तो उत्तम फल मिलता है। 
 
इसके साथ ही शनि प्रदोष होने के कारण शनि देव का पूजन करना अवश्य ही लाभदायी रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शनिदेव को मनाने के ऐसे कई उपाय हैं जिनके द्वारा शनि की शांति होती है इसमें शनि प्रदोष के दिन का अधिक महत्व है। आइए जानें क्या करें उपाय- 
 
शनि प्रदोष व्रत के 10 सरल चम‍त्कारिक उपाय :- 
 
1. शनि को मनाने के लिए शनि प्रदोष व्रत बहुत फलदायी है। यह व्रत करने वाले पर शनिदेव की असीम कृपा होती है। 
 
2. शनि प्रदोष के अवसर पर भगवान शिव का भस्म व तिलाभिषेक करना लाभदायी रहता है। 
 
3. इस दिन दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आ रहीं परेशानियां और शनि के अशुभ प्रभाव से मिलने वाले बुरे फलों में कमी आती है। व्रत करने वाले जातक को यह पाठ कम से कम 11 बार अवश्य करना चाहिए। 
 
4. इसके अलावा शनि चालीसा, शनैश्चरस्तवराज:, शिव चालीसा का पाठ तथा आरती भी करनी चाहिए। 
 
5. शनि प्रदोष पर पार्थिव शिवलिंग का तेल से अभिषेक करना चाहिए।
 
6. शनि प्रदोष पर महाकाल के दर्शन करने से विशेष पुण्य फल मिलता है। अत: हो सके तो इस दिन महाकाल के दर्शन अवश्य करना चाहिए। 
 
7. शनि प्रदोष पर भगवान भोलेनाथ को शक्कर का भोग लगाएं। 
 
8. शनि प्रदोष व्रत शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए उत्तम होता है। यह व्रत करने वाले को शनि प्रदोष के दिन प्रात:काल में भगवान शिवशंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, तत्पश्चात शनिदेव का पूजन करना चाहिए। 
 
9. इसके अलावा दूध, दही, घी, नर्मदा जल, गंगा जल, शहद से अभिषेक करना चाहिए। किया जाता है। श्रावण मास के अवसर पर पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कराया जा रहा है। 
 
10. इस दिन शिव चालीसा, प्रदोष स्तोत्र, कथा, शिवजी की आरती और मंत्रों का जाप करने से शनि संबंधित दोषों से मुक्ति मिलती है। 

ALSO READ: Kumbh Rashi 2021 : कुंभ राशि के लिए कैसा होगा नया साल, जानिए रोमांस,धन,करियर और सेहत के हाल

ALSO READ: 12 दिसंबर को Shani Pradosh Vrat, कैसे करें शनिदेव को प्रसन्न, पढ़ें पूजन के शुभ मुहूर्त

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

11 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

11 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Saptahik Muhurat 2024: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 11 से 17 नवंबर

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा आज का दिन, पढ़ें 10 नवंबर का राशिफल

MahaKumbh : प्रयागराज महाकुंभ में तैनात किए जाएंगे 10000 सफाईकर्मी

अगला लेख
More