देश के लिए वीरता पूर्वक समर्पित होने वाले देशभक्त भगतसिंह द्वारा अपने पिता को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें उन्होंने अपनी देशभक्ति और दादाजी का जिक्र किया था।
पढ़िए और क्या लिखा था उस पत्र में -
पूज्य पिता जी,
नमस्ते!
मेरी जिंदगी भारत की आजादी के महान संकल्प के लिए दान कर दी गई है। इसलिए मेरी जिंदगी में आराम और सांसारिक सुखों का कोई आकर्षण नहीं है। आपको याद होगा कि जब मैं बहुत छोटा था, तो बापू जी (दादाजी) ने मेरे जनेऊ संस्कार के समय ऐलान किया था कि मुझे वतन की सेवा के लिए वक़्फ़ (दान) कर दिया गया है। लिहाजा मैं उस समय की उनकी प्रतिज्ञा पूरी कर रहा हूं। उम्मीद है आप मुझे माफ कर देंगे।