भगवान श्रीविष्णु के 24 से अधिक अवतार लिए हैं। हालांकि 24 और 10 अवतारों की अधिक चर्चा होती है। इन 24 में से ही एक है हंसावतार या हंस अवतार। आओ जानते हैं कि इस अवतार की क्या है 10 रोचक बातें
1. एक बार भगवान ब्रह्मा अपनी सभा में बैठे थे। तभी वहां उनके मानस पुत्र सनकादि पहुंचे और भगवान ब्रह्मा से मनुष्यों के मोक्ष के संबंध में चर्चा करने लगे। किसी बाद को लेकर सभी में सदेह उत्पन्न हुआ।
2. इसी संदेह के चलते ही तभी वहां भगवान विष्णु महाहंस के रूप में प्रकट हुए और उन्होंने सनकादि मुनियों के संदेह का निवारण किया।
3. संदेह निवारण के बाद सभी ने भगवान हंस की पूजा की। इसके बाद महाहंसरूपधारी श्रीभगवान अदृश्य होकर अपने पवित्र धाम चले गए।
4. कहते हैं कि इस सननादि और हंसावतार के संवाद को ही हंस गीता कहा गया है। महाभारत के शान्तिपर्व में प्रजापति के द्वारा सुवर्णमय हंस का रूप धारण कर साध्यगणों को उपदेश देने की कथा वर्णित है।
5. इसका उल्लेख प्रमुख अवतार के रूप में सर्वप्रथम महाभारत में हुआ है।
6. श्रीविष्णुसहस्रनाम में भी भगवान् के एक नाम के रूप में हंस का भी उपयोग हुआ है।
7. यह भगवान विष्णु के 20वां अवतार है।
8. कार्तिक शुक्ला नवमी को स्वयं भगवान् श्रीहरि ने हंसरूप में अवतार लिया था।
9. हंसावतार का यह प्रसंग श्रीमद्भागवत के एकादश स्कन्ध अध्याय 13 में श्रीकृष्णोद्धव संवादरूप से विस्तारपूर्वक वर्णित हैं।
10. उद्धव गीता के अंतर्गत ही हंस गीता है।