Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

शालिग्राम की महिमा : शालिग्राम किसे कहते हैं, क्यों जरूरी है पूजा घर में रखना, 10 बातें जानकर दंग रह जाएंगे

हमें फॉलो करें शालिग्राम की महिमा : शालिग्राम किसे कहते हैं, क्यों जरूरी है पूजा घर में रखना, 10 बातें जानकर दंग रह जाएंगे

अनिरुद्ध जोशी

, गुरुवार, 3 नवंबर 2022 (12:35 IST)
हिन्दू धर्म में शालिग्राम का बहुत महत्व है। क्या आप जानते हैं कि शालिग्राम क्या होता है, कहां मिलता है, क्यों पूजाघर में रखते हैं, क्यों करते हैं देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के साथ इसका विवाह, क्या है घर में शालिग्राम रखने के नियम। आओ जानते हैं इस संबंध में 10 रहस्यय बातें।
 
1. किसे कहते हैं शालिग्राम : जिस तरह शिवजी का विग्रह या निराकार रूप शिवलिंग है उसी तरह श्री हरि विष्णुजी का विग्रह रूप शालिग्राम है। यह शिवलिंग से थोड़ा भिन्न होता है। मुख्य शालिग्राम इस तरह का होता है जैसे इस पर ऐसी धारियां बनी होती हैं जैसे जनेऊ पहनी हो। अधिकतर शालिग्राम नेपाल के मुक्तिनाथ, काली गण्डकी नदी के तट पर पाया जाता है।
 
2. क्यों करते हैं शालिग्राम की तुलसी के साथ पूजा : शालिग्राम श्री हरि विष्णु का ही रूप है इसलिए देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के साथ इनकी पूजा और विवाह कराया जाता है। तुलसी माता पूर्व जन्म में वृंदा थीं। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह कराने वाले व्यक्ति के जीवन से सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं और उस पर भगवान हरि की विशेष कृपा बनी रहती है।
 
3. क्यों जरूरी है शालिग्राम को पूजा घर में रखना : मान्यता है कि घर में भगवान शालिग्राम हो, वह तीर्थ के समान माना जाता है। स्कंदपुराण के कार्तिक महात्म्य में शिवजी ने भी शालिग्राम की स्तुति की है। विष्णु की मूर्ति से कहीं ज्यादा उत्तम है शालिग्राम की पूजा करना।
 
4. कितने प्रकार के होते हैं शालिग्राम : 33 प्रकार के शालिग्राम होते हैं जिनमें से 24 प्रकार को विष्णु के 24 अवतारों से संबंधित माना गया है। माना जाता है कि ये सभी 24 शालिग्राम वर्ष की 24 एकादशी व्रत से संबंधित हैं।
 
5. किस अवतार का कैसे शालिग्राम : यदि गोल शालिग्राम है तो वह विष्णु का रूप गोपाल है। यदि शालिग्राम मछली के आकार का है तो यह श्री विष्णु के मत्स्य अवतार का प्रतीक है। यदि शालिग्राम कछुए के आकार का है तो यह भगवान के कच्छप और कूर्म अवतार का प्रतीक है। इसके अलावा शालिग्राम पर उभरने वाले चक्र और रेखाएं भी विष्णु के अन्य अवतारों और श्रीकृष्ण के कुल के लोगों को इंगित करती हैं।
webdunia
6. दुर्लभ शालिग्राम : पूर्ण, काले और भूरे शालिग्राम के अलावा सफेद, नीले और ज्योतियुक्त शालिग्राम का पाया जाना तो और भी दुर्लभ है।
 
7. पूर्ण शालिग्राम : पूर्ण शालिग्राम में भगवाण विष्णु के चक्र की आकृति अंकित होती है। यह शालिग्राम घर में रखकर इसकी नित्य पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जन्मों का पाप कट जाता है। 
 
8. लक्ष्मी नारायण शालिग्राम : लक्ष्मी नारायण नाम के शालिग्राम का का पूजन जिस घर में होता है उस घर में लक्ष्मी का सदैव वास रहता है। शालिग्राम पूजन करने से अगले-पिछले सभी जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।
 
9. शालिग्राम रखने का नियम : घर में सिर्फ एक ही असली शालिग्राम रखना चाहिए। कई घरों में कई शालिग्राम होते हैं जो उचित नहीं है। इसके साथ ही जिस घर में शालिग्राम रखा होता है उस घर के सदस्यों को कभी भी मांस, मटन, चिकन, अंडा आदि नहीं खाना चाहिए और किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए अन्यथा इसके बुरे परिणाम देखने को मिलेते हैं। इससे बेहतर है कि आप शालिग्राम रखे ही नहीं।
 
10. शालिग्राम की पूजा के नियम : नित्य शालिग्राम पर चंदन लगाकर उसके ऊपर तुलसी का एक पत्ता रखा जाता है। चंदन भी असली होना चाहिए। जैसे चंदन की एक लकड़ी को लाकर उसे शिला पर घिसे और फिर शालिग्रामजी को चंदन लगाएं। शालिग्राम को प्रतिदिन पंचामृत से स्नान भी कराया जाता है। कहते हैं कि कुछ समय को छोड़कर शालिग्राम की प्रतिदिन पूजा करना जरूरी है। ऐसे समय है रोग, यात्रा या रजोदर्शन आदि।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi