भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा के अलग अलग समय नियुक्त हैं। यदि सही समय में सावधानी एवं नियम का पालन करके विष्णु की पूजा या आराधना की जाए तो उसका तुरंत ही असर होता है। यदि आप पूजा नहीं करते हैं तो कम से कम इन दिनों में आपको पवित्र बने रहना आवश्यक है। ऐसा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। आओ जानते हैं कि विष्णुजी के कौनसे 6 ऐसे समय है।
1. रविवार और गुरुवार : रविवार भगवान विष्णु का दिन होता है। इस दिन उनकी पूजा और आराधना करने से लक्ष्मी माता भी प्रसन्न होती है। इस दिन तुलसी माता निर्जला उपवास रखती हैं। इसके अलावा गुरुवार की भगवान विष्णु का दिन माना गया है।
2. एकादशी : एकादशी का व्रत करने से हर तरह के संकट दूर होते हैं और सभी तरह के सुख एवं समृद्धि प्राप्त होती है। वर्ष में 24 और अधिकमास हो तो 26 एकादशी होती है। देवशयनी और देवउठनी ग्यारस का खासा महत्व है।
3. दशावतार की तिथि : विष्णु जी के 24 अवतार है जिनमें से 10 अवतारों के अवतरण की तिथि भी महत्वपूर्ण होती है।
4.रुषोत्तम मास : मार्गशीर्ष, पुरुषोत्तम मास और कार्तिक माह विष्णुजी का माह होता है। इनमें से पुरुषोत्तम मास उन्हें सबसे प्रिय है तो प्रति तीन वर्ष में आता है।
5.विष्णु मुहूर्त : ब्रह्म मुहूर्त रात्रि का चौथा प्रहर होता है। सूर्योदय के पूर्व के प्रहर में दो मुहूर्त होते हैं। उनमें से पहले मुहूर्त को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। दिन-रात का 30वां भाग मुहूर्त कहलाता है अर्थात 2 घटी या 48 मिनिट का कालखंड मुहूर्त कहलाता है। उसके बाद वाला विष्णु का समय है जबकि सुबह शुरू होती है लेकिन सूर्य दिखाई नहीं देता।
6.विष्णु त्योहार : सभी अवतारों के अवतरण दिवस के अलावा दीपावली, ओणम, कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, तुलसी विवाह, वैकुंड चतुर्दशी, विष्णु लक्ष्मी विवाह और लक्ष्मीजी के सभी समय विष्णुजी के ही समय हैं।