शिव का समय जानना जरूरी

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
आप भगवान शिव का वार जानते हैं- सोमवार। आप भगवान शिव का खास दिन भी जानते हैं- शिवरात्रि। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि दिन में कौन सा समय भगवान शिव का होता है?
नहीं जानते हैं तो जरूरी है जानना, क्योंकि जो यह जानता है अह 'अमंगल' से बच जाता है। 
 
पुराणों में उल्लेखित है कि सूर्यास्त से दिनअस्त तक का समय भगवान ‍'शिव' का समय होता है जबकि वे अपने तीसरे नेत्र से त्रिलोक्य (तीनों लोक) को देख रहे होते हैं और वे अपने नंदी गणों के साथ भ्रमण कर रहे होते हैं।
 
इस काल में भूतों के स्वामी भगवान रुद्र का जो अपराधी होता है कठोर दंड पाता है।
 
निषेध : इस वक्त भोजन, पानी, संभोग, यात्रा, बहस और हर तरह की वार्तालाप करने की मनाही है।
 
क्या करें : ऐसे में यह वक्त ईश्वर भक्ति का वक्त है। इस काल में संध्यावंदन या भगवत् पूजन आदि करना चाहिए।
 
इस काल को धरधरी का काल कहते हैं जबकि राक्षसादि प्रेत योनि की आत्माएं सक्रिय रहती है। इस समय जो पिशाचों जैसा आचरण करते हैं, वे नरकगामी होते हैं।

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