देशभर में कई जगहों पर माता तुलजा भवानी और चामुंडा के मंदिर हैं। परंतु ये माताएं कौन हैं यह कम ही लोग जानते होंगे। अक्सर सभी माताओं को मां पार्वती या माता सती से ही जोड़कर देखा जाता है। हालांकि ये सभी माताएं एक ही शक्ति के कई रूप हैं। आओ जानते हैं मां तुलजा भवानी और माता चामुडा के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
1. देशभर में कई जगह पर माता तुलजा भवानी और चामुण्डा माता की पूजा का प्रचलन है। खासकर यह महाराष्ट्र में अधिक है।
2. एक मान्यता के अनुसार माता अम्बिका (पार्वती या सती नहीं) ही चंड और मुंड नामक असुरों का वध करने के कारण चामुंडा कहलाई।
3. तुलजा भवानी माता को महिषसुर मर्दिनी भी कहा जाता है। नवदुर्गा में से एक कात्यायन ऋषि की कन्या ने ही रम्भासुर के पुत्र महिषासुर का वध किया था।
4. अम्बिका : (त्रिदेव जननी जगदम्बे, दुर्गा, कैटभा, महामाया और चामुंडा)
5. कात्यायनी (ऋषि कात्यायन की पुत्री, महिषासुरमर्दिनी, तुलजा भवानी)
6. माता चामुंडा को कई जगह पर चंडिका या चंडी भी कहा गया है।
7. महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में स्थित है तुलजापुर। एक ऐसा स्थान जहां छत्रपति शिवाजी की कुलदेवी श्रीतुलजा भवानी स्थापित हैं, जो आज भी महाराष्ट्र व अन्य राज्यों के कई निवासियों की कुलदेवी के रूप में प्रचलित हैं। तुलजा भवानी महाराष्ट्र के प्रमुख साढ़े तीन शक्तिपीठों में से एक है तथा भारत के प्रमुख 52 शक्तिपीठों में से भी एक मानी जाती है।
8. मध्यप्रदेश के देवास में है माता तुलजा भवानी और चामुंडा देवी के एक साथ मंदिर। देवास टेकरी पर स्थित मां तुलजा भवानी और चामुंडा माता का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है।