महाकाल की काली। 'काली' का अर्थ है समय और काल। काल, जो सभी को अपने में निगल जाता है। भयानक अंधकार और श्मशान की देवी। वेद अनुसार 'समय ही आत्मा है, आत्मा ही समय है'। मां कालिका की उत्पत्ति धर्म की रक्षा और पापियों-राक्षसों का विनाश करने के लिए हुई है। काली को माता जगदम्बा की महामाया कहा गया है। मां ने सती और पार्वती के रूप में जन्म लिया था। सती रूप में ही उन्होंने 10 महाविद्याओं के माध्यम से अपने 10 जन्मों की शिव को झांकी दिखा दी थी।
1. नाम : माता कालिका शस्त्र : त्रिशूल और तलवार
2. वार : शुक्रवार
3. दिन : अमावस्या
4. ग्रंथ : कालिका पुराण
5. मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा
6. दुर्गा का एक रूप : माता कालिका 10 महाविद्याओं में से एक
7. मां काली के 4 रूप हैं- दक्षिणा काली, शमशान काली, मातृ काली और महाकाली।
8. राक्षस वध : माता ने महिषासुर, चंड, मुंड, धूम्राक्ष, रक्तबीज, शुम्भ, निशुम्भ आदि राक्षसों के वध किए थे।
9. बंगाल और असम में पूजा : हिन्दू धर्म में सबसे जागृत देवी हैं मां कालिका। मां कालिका को खासतौर पर बंगाल और असम में पूजा जाता है।
10. 10 महाविद्या : मां काली को देवी दुर्गा की 10 महाविद्याओं में से एक माना जाता है।
11. शक्तिपीठ : माता सती के 108 मुख्य शक्तिपीठों में से माता कालिका के ही शक्तिपीठ सबसे ज्यादा है।
12. तांत्रिकों की देवी : माता कालिका को तांत्रिकों की देवी माना जाता है, परंतु सामान्यजन भी उनकी पूजा और साधना दक्षिणमार्ग से कर सकते हैं।
13. काली मां की उत्पत्ति : श्रीमार्कण्डेय पुराण एवं श्रीदुर्गा सप्तशती के अनुसार काली मां की उत्पत्ति जगत जननी मां अम्बा के ललाट से हुई थी। परंतु कुछ पुराणों में इसको लेकर अलग अलग कथाएं भी मिलती है।
14. कालीका के प्रमुख तीन स्थान है:- कोलकाता में कालीघाट पर जो एक शक्तिपीठ भी है। मध्यप्रदेश के उज्जैन में भैरवगढ़ में गढ़कालिका मंदिर इसे भी शक्तिपीठ में शामिल किया गया है और गुजरात में पावागढ़ की पहाड़ी पर स्थित महाकाली का जाग्रत मंदिर चमत्कारिक रूप से मनोकामना पूर्ण करने वाला है।
15. कालिका माता का साबर मंत्र है-
ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली,
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,
अब बोलो काली की दुहाई।
इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करने से आर्थिक लाभ मिलता है। इससे धन संबंधित परेशानी दूर हो जाती है। माता काली की कृपा से सब काम संभव हो जाते हैं। 15 दिन में एक बार किसी भी मंगलवार या शुक्रवार के दिन काली माता को मीठा पान व मिठाई का भोग लगाते रहें।