Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

माता लक्ष्मी भगवान शंकर की कौन लगती हैं? क्या आप जानते हैं?

हमें फॉलो करें Shiv Lakshami

अनिरुद्ध जोशी

भगवान शिव और विष्णु में क्या संबंध है? यह जानने से यह भी जाना जा सकता है कि भगवान शिव और माता लक्ष्मी के बीच कौनसा रिश्ता था। हालांकि पुराणों की कथाओं में इतना विरोधाभास है कि सच जानना बहुत मुश्किल होता है।
 
 
ब्रह्मा के एक पुत्र का नाम दक्ष प्रजापति था। इनकी कई पुत्रियां थीं। इनकी एक पुत्री सती का विवाह भगवान शंकर से हुआ और दूसरी पुत्री ख्याति का विवाह ऋषि भृगु से हुआ। मतलब यह कि भगवान शंकर और ऋषि भृगु आपस में साढ़ू भाई हुए। भृगु-ख्याति की पुत्री का नाम श्री लक्ष्मी था। साढ़ू भाई की पुत्री भी पुत्री समान होती है तो क्या भगवान शंकर माता लक्ष्मी के मौसाजी हैं?
 
 
महर्षि भृगु की पहली पत्नी का नाम ख्याति था, जो दक्ष की कन्या थी। दक्ष की दूसरी कन्या सती से भगवान शंकर ने विवाह किया था। ख्याति से भृगु को दो पुत्र दाता और विधाता मिले और एक बेटी श्री लक्ष्मी का जन्म हुआ। श्री लक्ष्मी का विवाह उन्होंने भगवान श्री हरि विष्णु से कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि एक कथा के अनुसार शिव और पार्वती के पुत्र भगवान गणेश माता लक्ष्मी के 'दत्तक-पुत्र' भी हैं!
 
 
यह भी जानें:
शिवपुराण के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश के माता-पिता का नाम सदाशिव और दुर्गा बताया गया है। उसी तरह तीनों देवियों के भी माता-पिता रहे हैं। पौराणिक मान्यता अनुसार ब्रह्मा की पुत्री सरस्वती का विवाह भगवान विष्णु से हुआ था, जबकि ब्रह्मा की पत्नी सरस्वती अपरा विद्या की देवी थीं जिनकी माता का नाम महालक्ष्मी था और जिनके भाई का नाम विष्णु था। विष्णु ने जिस 'श्री लक्ष्मी' नाम की देवी से विवाह किया था, वह भृगु ऋषि की पुत्री थीं।
 
 
कौन से भृगु?
देवी भागवत के चतुर्थ स्कंध विष्णु पुराण, अग्नि पुराण, श्रीमद् भागवत में खंडों में बिखरे वर्णन के अनुसार महर्षि भृगु प्रचेता-ब्रह्मा के पुत्र हैं, इनका विवाह दक्ष प्रजापति की पुत्री ख्याति से हुआ था जिनसे इनके दो पुत्र काव्य शुक्र और त्वष्टा तथा एक पुत्री श्रीलक्ष्मी का जन्म हुआ। इनकी पुत्री श्रीलक्ष्मी का विवाह श्रीहरि विष्णु से हुआ।

 
पुराणों में विरोधाभाषिक उल्लेख के कारण यह फर्क कर पाना कठिन है कि कितने भृगु थे या कि एक ही भृगु थे। माना जाता है कि प्रचेता ब्रह्मा की पत्नी वीरणी के गर्भ से भृगु का जन्म हुआ था। उनके माता मिता का नाम वरुण और चार्षिणी था जबकि पत्नी का नाम दिव्या और पुलोमा था। दिव्या के पुत्र शुक्राचार्य और त्वष्टा (विश्वकर्मा) थे ज‍बकि पौलमी के पुत्र ऋचीक व च्यवन और पुत्री रेणुका थी। इस मान से परशुराम प्रपौत्र थे। 

मरीचि कुल में एक और भृगु हुए जिनकी ख्याति ज्यादा थी। इनके परदादा का नाम मरीचि, दादाजी का नाम कश्यप ऋषि, दादी का नाम अदिति था। संभवत: इन्हीं की पत्नी का नाम ख्याति रहा होगा। 
 
शिव और लक्ष्मी- योगिनीतंत्रम् ग्रंथ के अनुसार एक बार पार्वतीजी ने शिवजी से पूछा- हे प्रभु, मेरी यह जानने की बड़ी उत्कट इच्छा हो रही है कि आपको बिल्व पत्र इतने प्रिय क्यों है? इस पर भगवान शिव ने कहा कि हे देवी मेरी तपस्या के बाद स्वयं महालक्ष्मी ने शैल पर्वत पर बिल्ववृक्ष रूप में जन्म लिया था। महालक्ष्मी ने श्री हरि विष्णु का प्रेम प्राप्त करने के लिए यह तपस्या की थी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

श्रावण मास विशेष : ये 20 फूल भूलकर भी न चढ़ाएं भगवान शिव को, हो जाएंगे भोलेशंकर नाराज