Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

आखिर क्या है कुरुक्षेत्र की सुरंग का रहस्य?

हमें फॉलो करें आखिर क्या है कुरुक्षेत्र की सुरंग का रहस्य?

अनिरुद्ध जोशी

महाभारत की भूमि के प्राचीन कुलतारण तीर्थ किनारे प्राचीन सुरंग बनी हुई है। यह सुरंग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के लिए अभी भी रहस्यमयी बनी हुई है। धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से 48 कोस की परिधि के एक ओर गांव किरमच में स्थित तीर्थ कुलतारण की सुंरग पर शोध जारी है। पुरातत्व विभाग ने सालों से बंद पड़ी इस सुरंग के कई चित्र और नमूने लेकर इस संबंध में एक रिपोर्ट केंद्र को भेजी जा चुकी है।
 
48 कोस की परिधि के इस तीर्थ का पुराना इतिहास है, बताया जाता है कि पांडुओं की अस्थियां इसी कुलतारण तीर्थ में विसर्जित की गई थी। तब से इस क्षेत्र के लोग अस्थियों को इस तीर्थ में ही विसर्जित करते है। वेबदुनिया के शोधानुसार  यहां पर रामकुंडी मंदिर, भगवान शिव का मंदिर में स्थित है। इस तीर्थ का अपना एक प्राचीन इतिहास रहा है। ऐसा पूर्वजों से सुनते आए है, इस क्षेत्र के लोग इस तीर्थ को काफी मानते है। इस तीर्थ पर हर वर्ष मेला लगता है और दूर दराज से लोग इस मेले में शामिल होने के लिए यहां आते है।
 
हाथी पोल : रामगढ़ के उत्तरी छोर के निचले भाग में एक विशाल सुरंग है, जो लगभग 39 मीटर लम्बा एवं मुहाने पर 17 मीटर ऊंचा एवं इतना ही चौड़ा है. इसे हाथपोल या हाथीपोल कहते है। अन्दर इसकी ऊंचाई इतनी है कि इसमें से हाथी आसानी से गुजर सकता है। बरसात में इसमें से एक नाला बहता है। अंदर चट्टानों के बीच में एक कुण्ड है जो सीता कुण्ड के नाम से जाना जाता है जिसका पानी अत्यंत निर्मल एवं शीतल है।
 
तिरुपति मंदिर रोड़ : तिरुपति तीर्थ स्थल आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में है। यहां समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थित तिरुमला की पहाड़ियों पर बना श्री वैंकटेश्‍वर मंदिर दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां तक पहुंचने के लिए पहाड़ियों की ओर चढ़ती हुई कई घुमावदार और खतरनाक सड़कों को पार करना होता है तब जाकर कहीं भगवान के दर्शन होते हैं, लेकिन यदि आप जरा भी ध्यान चूके तो सीधे भगवान के पास पहुंच जाएंगे। यहां दुर्घटनाओं का खतरा हर दम बना रहता है।
 
माउंट आबू रोड : माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र पहाड़ी नगर है। समुद्र तल से यह 1220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहा पहाड़ आरावली पहाड़ियों की श्रंखला का सर्वोच्च शिखर है। यहां जैन और हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थान है। वेबदुनिया के शोधानुसार माउंट आबू तक पहुंचने के लिए 28 किलोमीटर के दर्रे से जाना पड़ता है जो आबू रोड़ से शुरू होता हैं। यह सड़क कुछ जगहों पर बहुत खतरनाक हो जाती है। जहां एक बार में एक ही वाहन सड़क पर चल सकता हैं, ऐसे में बहुत सावधानी रखना होती है। सावधानी हटी की दुर्घटना घटी। नीचे खाई में गिरने के मौके बहुत होते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi