हनुमानजी के पूजा करने के बाद उन्हें पान का बीड़ा अर्पित किया जाता है। कहते हैं कि हनुमानजी को पान का बीड़ा बहुत पसंद हैं। उनका पान अलग ही तरह से बनता है। आओ जानते हैं कैसे बनता है उनका पान और क्या है उन्हें बीड़ा अर्पित करने का उद्देश्य और फायदा।
ऐसे बनता है बीड़ा : इस पान में केवल ये पांच चीज़ें डलवाएं– कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बूरा और सुमन कतरी। पान बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें चूना एवं सुपारी नहीं हो। साथ ही यह पान तंबाकू लगे हाथ से नहीं बनना चाहिए।
ऐसे करें बीड़ा अर्पित : यदि आप प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ते हैं तो मंगलवार, शनिवार, दशहरा और हनुमान जयंति के दिन हनुमानजी को अच्छे से बनाया गया बीड़ा अर्पित करें। इस दिन तेल, बेसन और उड़द के आटे से बनाई हुई हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके तेल और घी का दीपक जलाएं तथा विधिवत पूजन कर पूआ, मिठाई आदि का भोग लगाएं। इसके बाद 27 पान के पत्ते तथा गुलकंद, सौंफ आदि मुख शुद्धि की चीजें लेकर इनका बीड़ा बनाकर हनुमानजी को अर्पित करें।
बीड़ा अर्पित करके वक्त क्या ये बोलें : हनुमानजी का विधि-विधान से पूजन करने के बाद यह पान हनुमानजी को अर्पण करें और साथ ही प्रार्थना करते हुए कहें, ‘हे हनुमानजी, आपको मैं यह मीठा रस भरा पान अर्पण कर रहा हूं। इस मीठे पान की तरह आप मेरा जीवन भी मिठास से भर दीजिए’। हनुमानजी की कृपा से कुछ ही दिनों में आपकी हर समस्या दूर हो जाएगी।
बीड़ा अर्पित करने के फायदे
1. सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।
2. सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं।
3. मन में निर्भिकता का संचार होता है।
4. जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है।
5. बीड़ा उठाना :
आपने सुनी होगी एक प्रचलित लोकोक्ति 'बीड़ा उठाना'। इसका अर्थ होता है- कोई महत्वपूर्ण या जोखिमभरा काम करने का उत्तरदायित्व अपने ऊपर लेना। यदि आपके जीवन में कोई घोर संकट है या ऐसा काम है जिसे करना आपके बस का नहीं है, तो आप अपनी जिम्मेदारी हनुमानजी को सौंप दें। इसके लिए आप मंगलवार के दिन किसी मंदिर में पूजा-पाठ करने के बाद उन्हें पान का बीड़ा अर्पित करें। रसीला बनारसी पान चढ़ाकर मांग लीजिए मनचाहा वरदान।