मंदिर जाने के 35 चमत्कारिक फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे

Webdunia
मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023 (15:33 IST)
Hindu Mandir : मंदिर जाने के वैज्ञानिक कारण हो सकते हैं। क्या होगा मंदिर जाने से? देवालय, शिवालय, रामद्वारा, गुरुद्वारा, जिनालय सभी का अर्थ अलग अलग होता है। मंदिर को अंग्रेजी में टेम्पल नहीं कहते हैं। मंदिर का अर्थ होता है मन से दूर कोई स्थान। 'मंदिर' का शाब्दिक अर्थ घर भी होता है। आओ जानते हैं मंदिर जाने के 35 चमत्कारिक फायदे।
 
1.आकस्मिक घटना-दुर्घटना : यदि आप प्रतिदिन मंदिर जा रहे हैं तो आप अपने जी‍वन में आने वाली उन घटनाओं से बच सकते हैं जो कि आकस्मिक आती है जैसे दुर्घटना, हत्या, आत्महत्या जैसी नकारात्मकता आपकी जिंदगी से दूर रहेगी।
 
2. भूत-पिशाच : मंदिर जाने वाले व्यक्ति के मन में भरपूर सकारात्मकता और आध्यात्मिक बल होता है जिसके चलते उसके आस-पास नकारात्मक ऊर्जा उसके पास फटकती भी नहीं है। आप इस उर्जा को भूत, पिशाच या प्रेत भी कह सकते हैं। मंदिर जाने वाला भय‍मुक्त जीवन जिता है।
 
2.ग्रह बाधा : यदि आप प्रतिदिन मंदिर जाते हैं तो आप पर किसी भी प्रकार के ग्रह और नक्षत्रों का कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। ग्रहबाधा से आप मुक्त रहते हैं। मंगल दोष, शनि या अन्य किसी ग्रह की बाधा है, साढ़े साती, अढ़ाय्या या राहु की महादशा चल रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं। 
 
3.रोग या बीमारी : मंदिर में जाकर आप मंदिर के नियमों का पालन करते हैं। व्रत, उपवास और पाठ में विश्वास करते हैं, सोच-समझकर आहार-विहार करते हैं तो आपको किसी भी प्रकार का रोग या बीमारी नहीं होगी।
 
4.दुख या शोक : मंदिर जाकर मन में विश्वास और आत्मबल का संचार होता है जिसके कारण मन में किसी भी प्रकार का दुख या शोक नहीं रहता है। व्यक्ति सभी परिस्थिति में समभाव से रहता है। समभाव अर्थात न तो भावना में बहता है और न ही कठोर होता है। हर परिस्‍थिति उसके लिए सामान्य होती है।
 
5.कोर्ट-कचहरी-जेल: मंदिर जाने से व्यक्ति में सही और गलत को समझने की क्षमता होती है। वह किसी भी प्रकार की फालतू लड़ाई झगड़े में नहीं पड़ता है। जैसे रास्ते में पड़े पत्थर या गड्डे को देख लेने के बाद हम अपनी गाड़ी को उससे बचाकर निकाल ले जाते हैं उसी तरह व्यक्ति अपनी जिंदगी को समझदारी से गड्डों से बचा ले जाता है।
 
6.तंत्र, मारण-सम्मोहन-उच्चाटन : मंदिर जाने वाले व्यक्ति का कोई शत्रु किसी बुरी विद्या के माध्यम से कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता है। बहुत से व्यक्ति अपने कार्य या व्यवहार से लोगों को रुष्ट कर देते हैं, इससे उनके शत्रु बढ़ जाते हैं। कमजोर शत्रु हमेशा सामने की लड़ाई नहीं लड़ते हुए पीठ के पीछे ऐसे कार्य करते हैं जिनको अंधविश्वास की श्रेणी में रखा जाता है। मंदिर जाने वाले लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
 
 
7.कर्ज से मुक्ति : मंदिर जाने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी ऐसे संकट नहीं आते हैं कि वह कर्ज में डूब जाए। थोड़ा बहुत कर्ज होता है तो कोई फर्क नहीं। कर्ज भी सोच समझकर लें। यदि ज्यादा है तो उसके चुकता होने के निश्चित ही मंदिर से ही रास्ते निकलते हैं। मन मंदिर में विश्वास है तो इस बाधा व्यक्ति मुक्त हो जाता है।
 
8.नौकरी और रोजगार : आप बेरोजगार है या आपका व्यापार नहीं चल रहा है तो निश्चित ही आपको प्रतिदिन मंदिर जाना चाहिए। आपको जल्द ही सफलता मिलेगी। हालांकि जो प्रतिदिन मंदिर जाकर प्रार्थना और पूजा पाठ करता है उसके साथ यह समस्या नहीं रहती है। होती भी है तो वह दिमाग पर बोझ नहीं लेकर कर्म करता जाता है और सफल हो ही जाता है।
 
9. तनाव या चिंता : बहुत से लोगों को अनावश्यक भय और चिंता सताती रहती है जिसके कारण वे तनाव में रहने लगते हैं। तनाव में रहने की आदत भी हो जाती है जिसके चलते व्यक्ति कई तरह के रोग से भी घिर सकता है। लेकिन मंदिर जाने वाले के दिल और दिमाग में ये सब नहीं रहता है।
10.गृहकलह : प्रतिदिन मंदिर जाने वाले में मन और मस्तिष्क में कलह या क्रोध नहीं होता है। घर के दूसरे सदस्य यदि उससे झगड़ा करते हैं या घर में गृहकल हो रही है तो वह उसे समझदारी से हेंडल कर माहौल को खुशनुमा बना देता है।
 
11. पैदल भ्रमण : प्रात:काल पैदल ही मंदिर जाने से व्यापार भी होता है और हमें प्राणवायु भी अच्छे से प्राप्त होती है। प्रतिदिन सूर्य की धूप के स्पर्ष से सेहत में सुधार होता है।
 
12. घंटी की ध्वनि : मंदिर में घंटी की टंकार करीब 7 सेकंड तक गूंजती है जो मन मस्तिष्क से विषाद हटाकर शांति प्रदान करती है। ऐसा भी कहते हैं कि छोटी घंटी से हमारा पित्त दोष सन्तुलित होता है। साथ ही ध्वनि से भी बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं।
 
13. फूलों की सुगंध : मंदिर में कई तरह के सुगंधित फूल अर्पित किए जाते हैं जिनकी सुगंध से मन प्रफुल्लित होकर अवसाद से मुक्ति हो जाता है। फूलों के विभिन्न रंग से अंतरमन को शांति मिलती है।
 
14. अगरबत्ती : मंदिर में कपूर और अगरबत्ती की सुगंध से एक ओर जहां मन और मस्तिष्क से नकारात्मक विचार हटा जाते हैं वहीं हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। यह हमें जैविक संक्रमण से भी बचाती है। मंदिर का सुगंधित में रहने से बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं और किसी भी प्रकार का वायरल इंफेक्शन नहीं होता है क्योंकि मंदिर में कर्पूर और धुआं होता रहता है। 
 
15. आरती : जब हम मंदिर में आरती या कीर्तन के दौरान ताली बजाते हैं तो यह एक्यूप्रेशर का काम करती है। इससे हमारे रक्त संचार सुचारू रूप से संचालित होता है और शरीर की मांस पेशियां भी मजबूत होती है।
 
16. जप : आरती या चालीसा को जपने पढ़ने से हमारा वाणी दोष भी दूर होता है। ओम् के उच्चारण से हमारा चित एकाग्र होता है।
 
17. शंख : आरती के बाद शंख बजाया जाता जो श्रद्धालुओं के लिए बहुत सुखदायी और स्वास्थ्य वर्धक है। शंख बजाने वाले के फेंफड़े मजबूत होते हैं।
 
18. जयघोष : आरती के बाद देव देवताओं, भारत माता आदि के जयघोष से आत्म विश्‍वास के साथ ही देशभक्ति जागृत होती है। इसी के साथ हर मंदिर में गो रक्षा और गौ हत्या बंद होने करने का संकल्प भी लिया जाता है।  
 
19. ज्योतिे : आरती लेने से हमारी हथेली की कोशिकाओं को दिव्य उष्मा मिलती है और हमारे भीतर पल रहे सभी विषाणु और जीवाणु समाप्त हो जाते हैं। आखों पर हथेलियां रखने से गर्माहट आंखों के पीछे की सुक्ष्म रक्त वाहिकाओं को खोल देती है और उन में ज्यादा रक्त प्रवाहित होने लगता है जिससे हमारी आंखों कि ज्योति बढ़ती है।
20. दंडवत : आरती के बाद नमस्कार और दंडवत प्रणाम करने से हमारे मन में विनम्रता और श्रद्धा का भाव जागृत होता है। अहंकार और घमंड का नाशा होता है।
 
21. चरणामृत : दर्शन, पूजा और आरती के बाद हमें तुलसी मिला चरणामृत, पंचामृत और प्रसाद मिलता है। यह चरणामृत और पंचामृत हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।  आयुर्वेद के मुताबिक यह चरणामृत हमारे शरीर के तीनों  दोषों को संतुलित रखता है। चरणामृत के साथ दी गई तुलसी हम बिना चबाए निगल लेते हैं जिससे हमारे सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
 
22. परिक्रमा : मंदिर में भगवान की परिक्रमा से जहां सेहत के लाभ मिलते हैं वहीं यह धरती के गुरुत्वकार्षण की शक्ति से जुड़कर हमारे शरीर का तनाव निकल जाता है। इसी के साथ ही में गुंबद और उसके कलश से प्रवाहित हो रही ऊर्जा हमारे शरीर को प्रभावित कर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। 
 
23 नग्न पैर : मंदिर भूमि को सकारात्मक उर्जा का क्षेत्र माना जाता है। यह ऊर्जा भक्तों में पैर के जरिए ही प्रवेश कर सकती है। इसलिए हम मंदिर के अंदर नंगे पांव जाते हैं।
 
24. मनोकामना का दोहराना : मंदिर में जाकर जब हम अपनी मनोकामना को बार बार दोहराते हैं तो हमें मंदिर की सकारात्मक ऊर्जा का साथ मिलता है और इससे प्रकृति सक्रिय होकर हमारी मनोकामना पूर्ण करने लग जाती है। 
 
25. वृक्ष : हर मंदिर में पीपल, बरगद, नीम, केला और तुलसी आदि के वृक्ष रहते हैं। इन वर्षों में हम जल अर्पण करते हैं या उन्हें हम नमस्कार करते हैं। इन वृक्षों में भरपूर ऑक्सिजन के साथ ही दिव्यता होती है, जो हमारे मन और मस्तिष्‍क को स्वस्थ करते हैं। इससे हमारे मन में शांति आती है।
 
26. दान : मंदिर में दिए गए दान के अनेक लाभ होते हैं। दान से हममें कृपणता नहीं रहती है और हम चीजों के प्रति आसक्ति नहीं पालते हैं। इसी के साथ ही हमारे सामाजिक दायित्वों का भी निर्वाह होता है। 
 
27. सामाजिक प्रतिष्ठा : मंदिर जाने से हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ने के साथ ही जान पहचान भी बढती है।
 
28. तिथि त्योहार की जानकारी : मंदिर जाने से हमें पंचांग और तिज त्योहारों की जानकारी भी मिलती है। 
 
29. ज्ञान बढ़ता है : मंदिर जाने से धर्मिक ज्ञान भी बढ़ता है क्योंकि वहां पर गीता, वेद, उपनिषद आदि के बारे में जानकारी भी मिलती रहती है।
30. हाथ जोड़ना : मंदिर में व्यक्ति हाथ जोड़कर खड़ा रहता है। हाथ जोड़ने से जहां हमारे फेंफड़ों और हृदय को लाभ मिलता है वहीं इससे प्रतिरोधक क्षमता का विकास भी होता है। कहते हैं कि हथेलियों और अंगुलियों के उन बिंदुओं पर दबाव पड़ा है जो शरीर के कई अन्य अंगों से जुड़े हैं। इससे उन अंगों में ऊर्जा का संचार होता है।
 
31. तिलक : प्रतिदिन मंदिर जाकर व्यक्ति अपने मस्तक पर या दोदों भौहों के बीच चंदन या केसर का तिलक लगाता है। इस तिलक लगाने जहां शांति का अनुभव होता है वहीं इससे एकाग्रता बढ़ती है। दरअसल जहां तिलक लगाया जाता है उसके ठीक पीछे आत्मा का निवास होता है। आज्ञाचक्र और सहस्रार चक्र के बीच के बिंदू पर आत्मा निवास करती है जोकि नीले रंग की है। आत्‍ता अर्थात हम खुद। चंदन लगाने के आध्यात्मिक लाभ भी हैं।
 
32. प्रार्थना : प्रार्थना में शक्ति होती है। प्रार्थना करने वाला व्यक्ति मंदिर के ईथर माध्यम से जुड़कर अपनी बात ईश्वर या देव शक्ति तक पहुंचा सकता है। देवता सुनने और देखने वाले हैं। प्रतिदिन की जा रही प्रार्थना का देवताओं पर असर होने लगता है। मानसिक या वाचिक प्रार्थना की ध्वनि आकाश में चली जाती है। प्रार्थना के साथ यदि आपका मन सच्चा और निर्दोष है तो जल्द ही सुनवाई होगी और यदि आप धर्म के मार्ग पर नहीं हैं तो प्रकृति ही आपकी प्रार्थना सुनेगी देवता नहीं। प्रार्थना का दूसरा पहलू यह कि प्रार्थना करने से मन में विश्‍वास और सकारात्मक भाव जाग्रत होते हैं, जो जीवन के विकास और सफलता के अत्यंत जरूरी हैं।
 
33. पूजा : पूजा एक रासायनिक क्रिया है। इससे मंदिर के भीतर वातावरण की पीएच वैल्यू (तरल पदार्थ नापने की इकाई) कम हो जाती है जिससे व्यक्ति की पीएच वैल्यू पर असर पड़ता है। यह आयनिक क्रिया है, जो शारीरिक रसायन को बदल देती है। यह क्रिया बीमारियों को ठीक करने में सहायक होती है। दवाइयों से भी यही क्रिया कराई जाती है, जो मंदिर जाने से होती है। 
 
34. आचमन : मंदिर में प्रवेश से पूर्व शरीर और इंद्रियों को जल से शुद्ध करने के बाद आचमन करना जरूरी है। इस शुद्ध करने की प्रक्रिया को ही आचमन कहते हैं। आचमन करने से पहले अंगुलियां मिलाकर एकाग्रचित्त यानी एकसाथ करके पवित्र जल से बिना शब्द किए 3 बार आचमन करने से महान फल मिलता है। आचमन हमेशा 3 बार करना चाहिए। आचमन से मन और शरीर शुद्ध होता है।
 
35. मंदिर का शिखर : मंदिर में शिखर होते हैं। शिखर की भीतरी सतह से टकराकर ऊर्जा तरंगें व ध्वनि तरंगें व्यक्ति के ऊपर पड़ती हैं। ये परावर्तित किरण तरंगें मानव शरीर आवृत्ति बनाए रखने में सहायक होती हैं। व्यक्ति का शरीर इस तरह से धीरे-धीरे मंदिर के भीतरी वातावरण से सामंजस्य स्थापित कर लेता है। इस तरह मनुष्य असीम सुख का अनुभव करता है। पुराने मंदिर सभी धरती के धनात्मक (पॉजीटिव) ऊर्जा के केंद्र हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Bhai dooj katha: भाई दूज की पौराणिक कथा

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री सहित सरल विधि

Diwali Laxmi Pujan Timing: दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहूर्त और चौघड़िया

Narak chaturdashi 2024: नरक चतुर्दशी पर हनुमानजी की पूजा क्यों करते हैं, क्या है इसका खास महत्व?

दिवाली के पांच दिनी उत्सव में किस दिन क्या करते हैं, जानिए इंफोग्राफिक्स में

सभी देखें

धर्म संसार

02 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

02 नवंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

दीपावली का अगला दिन क्या लाया है आपके लिए, पढ़ें 01 नवंबर 2024 का दैनिक राशिफल

01 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

01 नवंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख
More