चम्पा को अंग्रेजी में प्लूमेरिया कहते हैं। चम्पा के खूबसूरत, मन्द, सुगन्धित हल्के सफेद, पीले फूल होते हैं। चंपा मुख्यत: 5 प्रकार की होती है:- 1.सोन चंपा, 2.नाग चंपा, 3.कनक चंपा, 4.सुल्तान चंपा और कटहरी चंपा। सभी तरह की चंपा एक से एक अद्भुत और सुंदर होती है और इनकी सुगंध के तो क्या कहने। चम्पा में पराग नहीं होता है। इसलिए इसके पुष्प पर मधुमक्खियां कभी भी नहीं बैठती हैं। आओ जानते हैं कि चंपा के फूलों के 10 उपयोग।
1. चंपा के फूल अक्सर पूजा में उपयोग किए जाते हैं।
2. चम्पा का वृक्ष मन्दिर परिसर और आश्रम के वातावरण को शुद्ध करने के लिए लगाया जाता है।
3. चम्पा के वृक्षों का उपयोग घर, पार्क, पार्किग स्थल और सजावटी पौधे के रूप में किया जाता है।
4. देवी मां ललिता अम्बिका के चरणों में भी चम्पा के फूल को अन्य फूलों जैसे- अशोक, पुन्नाग के साथ सजाया जाता है।
5. चम्पा का वृक्ष वास्तु की दृष्टि से सौभाग्य का प्रतीक माना गया है।
6. चम्पा को कामदेव के पांच फूलों में गिना जाता है। इसकी सुगंध से मन मोहक हो जाता है।
7. चंपा के फूलों का तेल भी बनता है।
8. चंपा के फूलों के इत्र भी बनता है।
9. इसके फूल और वृक्षों के उपयोग औषधि के रूप में भी होता है।
10. हिन्दू पौराणिक कथाओं में एक कहावत है-
'चम्पा तुझमें तीन गुण- रंग रूप और वास, अवगुण तुझमें एक ही भंवर न आएं पास।'
रूप तेज तो राधिके, अरु भंवर कृष्ण को दास, इस मर्यादा के लिए भंवर न आएं पास।।