शिरडी के साईं बाबा पर ये महत्वपूर्ण किताबें जरूर पढ़ें

अनिरुद्ध जोशी
शिर्डी के सांईं बाबा का यह 100वां जन्मोत्सव वर्ष चल रहा है। सांईं बाबा पर वैसे तो सैकड़ों किताबें लिखी गई हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण और उत्तम किताबें उनके काल में या उनके समकालीन लोगों ने लिखी हैं। उन्हीं किताबों में से कुछ की जानकारी यहां प्रस्तुत है। उनमें से कुछ किताबें आपको सांईं संस्थान ट्रस्ट से उपलब्ध हो जाएंगी।
 
 
1. 'श्री सांईं सच्चरित्र' : यह किताब मूलत: मराठी में श्री गोविंदराव रघुनाथ दाभोलकर ने लिखी। 1910 में दाभोलकरजी सांईं बाबा से जुड़े थे। सांईं बाबा उन्हें हेमाडपंत के नाम से पुकारते थे। यह किताब सांईं बाबा के जिंदा रहते ही 1910 से 1918 तक नोट्स के रूप में लिखना शुरू की थी। 1859 में जन्मे दाभोलकर ने सांईं सच्चरित्र को किताब की शक्ल में लिखना मूलत: 1923 में प्रारंभ किया और 6 वर्षों में इसके 52 अध्यायों की रचना पूर्ण की। उसके बाद 15 जुलाई 1929 को उनका देहांत हो गया। बाद में इसका 53वां अध्याय बीवी देव द्वारा पूर्ण किया गया एवं 1929 को ही इस किताब को प्रकाशित कर दिया गया।
 
2. 'डिवोटीज एक्सपीयरेन्सज ऑफ श्री सांईं बाबा' : 1936 में श्री बीवी नरसिंहा स्वामी समाधि मंदिर आए, जहां उन्हें अद्भुत अनुभव प्राप्त हुआ। नरसिंहा स्वामीजी सन् 1936 से 1938 के बीच ऐसे भक्तों से संपर्क कर उसके संस्मरण संकलित करते रहे, जो कि सांईं बाबा के सान्निध्य में रहे थे। बाद में उन्होंने सांईं भक्तों के संस्मरण के इस संकलन को एक किताब के रूप में प्रकाशित किया जिसका नाम रखा 'डिवोटीज एक्सपीयरेन्सज ऑफ श्री सांईं बाबा।' उन्होंने यह किताब 3 खंडों में प्रकाशित की थी। श्री नरसिंह स्वामीजी ने 'सांईं मननंम्' नामक एक पुस्तक और लिखी है। 
 
नरसिंह स्वामी का दावा है कि सांईं बाबा ब्राह्मण माता-पिता की संतान थे। 1948-49 में नरसिंहा स्वामी ने बाबा की उदी देकर सांईं भक्त बिन्नी चितलूरी की मां को पूर्णत: स्वस्थ कर दिया था। नरसिंहा स्वामी का जन्म 21 अगस्त 1874 को हुआ और इनकी मृत्यु 19 अक्टूबर 1956 को 82 वर्ष की उम्र में हुई थी। 
 
3. 'ए यूनिक सेंट सांईं बाबा ऑफ शिर्डी' : यह किताब श्री विश्वास बालासाहेब खेर और एम. वीकामथ ने लिखी थी। खेर ने यह किताब सांईं बाबा के समकालीन भक्त स्वामी सांईं शरणानंद की प्रेरणा से लिखी। खेर ने ही सांईं की जन्मभूमि पाथरी में बाबा के मकान को भुसारी परिवार से चौधरी परिवार को खरीदने में मदद की थी जिन्होंने उस स्थान को सांईं स्मारक ट्रस्ट के लिए खरीदा था। शरणानंद का जन्म 5 अप्रैल 1889 को मोटा अहमदाबाद में हुआ था और उनकी मृत्यु 26 अगस्त 1982 को हुई।
 
4. 'श्री सांईं द सुपरमैन' : यह किताब स्वामी सांईं शरण आनंद ने लिखी है। यह किताब उन्होंने अंग्रेजी में लिखी है। श्री सांईं शरण आनंद सांईं बाबा के समकालीन थे। 
 
5. 'सद्‍गुरु सांईं दर्शन' (एक बैरागी की स्मरण गाथा) : एक किताब कन्नड़ में भी लिखी गई है जिसका नाम अज्ञात है। लेखक का नाम है- बीव्ही सत्यनारायण राव (सत्य विठ्ठला)। विठ्ठला ने यह किताब उनके नानानी से प्रेरित होकर लिखी थी। उनके नानाजी सांईं बाबा के पूर्व जन्म और इस जन्म अर्थात दोनों ही जन्मों के मित्र थे। इस किताब का अंग्रेजी में अनुवाद प्रो. मेलुकोटे के श्रीधर ने किया और इस किताब के कुछ अंशों का हिन्दी में अनुवाद शशिकांत शांताराम गडकरी ने किया। हिन्दी किताब का नाम है- 'सद्‍गुरु सांईं दर्शन' (एक बैरागी की स्मरण गाथा)।
 
6. 'खापर्डे की डायरी' : गणेश कृष्ण खापर्डे (अमरावती वाले) 1910 में, फिर 1911 में बाबा के पास आए थे। 1911 में वे बाबा के साथ 3-4 महीने रहे थे। उस अवधि में उन्होंने हर रोज डायरी लिखी थी और इस तरह 141 पृष्ठों की 'खापर्डे की डायरी' तैयार हो गई जिसमें बाबा के संबंध में कई अद्भुत बातें लिखी हैं। खापर्डे का जन्म 1854 में हुआ था और मृत्यु 1938 में हुई। 
 
7. 'श्री शिर्डी सांईं बाबा की दिव्य जीवन कहानी' : 1923 अप्रैल महीने में 'सांईं लीला' नाम से मराठी में एक पत्रिका का प्रकाशन हुआ। यह पत्रिका शिर्डी सांईं संस्थान ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित की जाती रही है। इसके शुरुआत के अंक बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। इस पत्रिका के कई वर्षों तक संपादक रहे चकोर आजगांवरकर ने एक किताब लिखी है, जिसका नाम है- 'श्री शिर्डी सांईं बाबा की दिव्य जीवन कहानी'।
 
8. श्री सांईं सगुणोपासना : कृष्णराव जोगेश्वर भीष्म ने यह किताब लिखी, जो सांईं बाबा के भक्त थे। केजे भीष्म ने रामनवमी उत्सव मनाने का विचार बाबा के समक्ष प्रस्तुत किया था और बाबा ने भी इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया था। भीष्म का 28 अगस्त 1929 को देहांत हुआ था।
 
9. सांईं पत्रिकाएं : शिर्डी सांईं संस्थान द्वारा 'सांईं प्रभा' (1915-1919) और तथा 'श्री सांईं लीला' (1923 ई. से आज तक प्रकाशित) नाम की प्रकाशित दोनों ही पत्रिकाओं में बाबा के जीवन और उनके भक्तों से जुड़ी कहानियां प्रकाशित होती रहती हैं। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Ganesh chaturthi 2024: गणेश उत्सव के तीसरे दिन के अचूक उपाय और पूजा का शुभ मुहूर्त

Dhanteras 2024 date and time: दिवाली के पहले धनतेरस का पर्व कब मनाया जाएगा, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Shardiya navratri 2024: शारदीय नवरात्रि में डोली पर सवार होकर आएंगी माता दुर्गा, जानिए कैसा रहेगा देश दुनिया का हाल

Ganesh chaturthi 2024: गणेश उत्सव के दूसरे दिन क्या करें, जानें इस दिन के अचूक उपाय और पूजा मुहूर्त

Parivartini Ekadashi Vrat: परिवर्तिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा? जानें इस व्रत का महत्व और फायदे

सभी देखें

धर्म संसार

Rishi Panchami 2024 : 8 सितंबर को ऋषि पंचमी, जानें महत्व, पौराणिक कथा और मंत्र

Paryushan Parv 2024: 08 सितंबर से दिगंबर जैन समाज मनाएगा पर्युषण महापर्व, जानें कब होगा समापन

michhami Dukddam 2024: 'मिच्छामी दुक्कड़म्' से होगा जैन धर्म के अनुयायियों के महापर्व 'पर्युषण' का समापन

Ganesh chaturthi 2024: गणेश उत्सव के दूसरे दिन क्या करें, जानें इस दिन के अचूक उपाय और पूजा मुहूर्त

Rishi panchami 2024: ऋषि पंचमी के दिन क्या करते हैं, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

More