Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

भारत के 10 अनजाने रहस्य

हमें फॉलो करें alokik shakti

अनिरुद्ध जोशी

, गुरुवार, 13 अगस्त 2020 (10:51 IST)
ऋषि-मुनियों और अवतारों की भूमि 'भारत' एक रहस्यमय देश है। भारत में ऐसे कई स्थान हैं जिनका आज भी रहस्य बरकरार है। इन अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने का क्या कोई प्रयास कर रहा है? वैसे तो भारत में हजारों अनसुलझे रहस्य हैं लेकिन यहां प्रस्तुत हैं प्रमुख 10 अनसुलझे रहस्य।
 
 
1. रहस्यों से भरे मंदिर : श्रीपद्मनाभम मंदिर, वृंदावन निधिवन का रंगमहल, कन्याकुमारी मंदिर, करनी माता का मंदिर, शनि शिंगणापुर, सोमनाथ मंदिर, कामाख्या मंदिर, महाकाल मंदिर, काल भैरव उज्जैन मंदिर, अजंता-एलोरा के मंदिर, खजुराहो का मंदिर, ज्वालादेवी का मंदिर, लेपाक्षी का मंदिर और जगन्नाथ का मंदिर। ऐसे सैंकड़ों मंदिर है जो किसी न किसी रहस्य के कारण आज भी उनका रहस्य अनसुलझा है।
 
2. समुद्र के नीचे द्वारिका : गुजरात के तट पर भगवान श्रीकृष्ण की बसाई हुई नगरी यानी द्वारिका। इस जगह का धार्मिक महत्व तो है ही, रहस्य भी कम नहीं है। कहा जाता है कि कृष्ण की मृत्यु के साथ उनकी बसाई हुई यह नगरी समुद्र में डूब गई। आज भी यहां उस नगरी के अवशेष मौजूद हैं। यह रहस्य अभी भी बरकरार है कि यह नगरी किसी तरह नष्ट हो गई थी और यह कितने हजार वर्ष प्राचीन है।
 
3. कैलाश पर्वत और मानसरोवर : यह दुनिया का सबसे रहस्यमयी और विचित्र स्थान है। इसे अप्राकृतिक शक्तियों का केंद्र माना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है। यह एक ऐसा भी केंद्र है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) कहा जाता है। एक्सिस मुंडी अर्थात दुनिया की नाभि या आकाशीय ध्रुव और भौगोलिक ध्रुव का केंद्र। यह आकाश और पृथ्वी के बीच संबंध का एक बिंदु है, जहां दसों दिशाएं मिल जाती हैं। इस स्थान से जुड़े अनगिनत रहस्य हैं।
 
4. सोन के भंडार : श्रीपद्मनाभम मंदिर के अलावा कहते हैं कि बिहार के राजगीर में छुपा है मौर्य शासक बिम्बिसार का अमूल्य स्वर्ण भंडार। बिहार का एक छोटा-सा शहर राजगीर, जो कि नालंदा जिले में स्‍थित है, कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जाता है। यह शहर प्राचीन समय में मगध की राजधानी था। इसी राजगीर में है सोन भंडार गुफा। इस गुफा के बारे में कहा जाता है कि इसमें बेशकीमती खजाना छुपा है जिसे कि आज तक कोई नहीं खोज पाया है। यह खजाना मौर्य शासक बिम्बिसार का बताया जाता है, हालांकि कुछ लोग इसे पूर्व मगध सम्राट जरासंध का भी बताते हैं।
 
5. अलेया भूत लाइट : पश्चिम बंगाल के दलदली इलाकों में कई बार रहस्यमयी रोशनी देखे जाने की जानकारी मिली थी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह उन मछुआरों की आत्माएं हैं, जो मछली पकड़ते वक्त किसी वजह से मर गए थे। लोग इन्हें भूतों की रोशनी भी कहते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जिन मछुआरों को यह रोशनी दिखती है, वे या तो रास्ता भटक जाते हैं या ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाते। इन दलदली क्षेत्रों से कई मछुआरों की लाशें भी मिली हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन यह मानने को तैयार नहीं कि यह भूतों के चलते ऐसा हुआ। हालांकि अभी तक इस रहस्य से भरी गुत्थी सुलझ नहीं पाई है। वैज्ञानिकों को अंदेशा है कि दलदली क्षेत्रों में अक्सर मीथेन गैस बनती है और वे किसी तत्व के संपर्क में आने से रोशनी पैदा करती है।
 
6. रूपकुंड झील : मानसरोवर के अलावा भारत में ऐसी कई झीलें या ताल हैं जो कि बहुत ही रहस्यमयी है जैसे महाराष्ट्र में बुलढाना जिले में स्थित लोणार की झील। इसी तरह रूपकुंड झील या नदी हिमालय पर्वतों में स्थित है। इस तट पर मानव कंकाल पाए गए हैं। पिछले कई वर्षों से भारतीय और यूरोपीय वैज्ञानिकों के विभिन्न समूहों ने इस रहस्य को सुलझाने के कई प्रयास किए, पर वे नाकाम रहे। भारत के उत्तरी क्षेत्र में खुदाई के समय नेशनल जिओग्राफिक (भारतीय प्रभाग) को 22 फुट का विशाल नरकंकाल मिला है। उत्तर के रेगिस्तानी इलाके में एम्प्टी क्षेत्र के नाम से जाना जाने वाला यह क्षेत्र सेना के नियंत्रण में है। यह वही इलाका है, जहां से कभी प्राचीनकाल में सरस्वती नदी बहती थी। माना जा रहा है कि इस तरह के विशालकाय मानव 5 लाख वर्ष पूर्व से 1 करोड़ 20 लाख वर्ष पूर्व के बीच में धरती पर रहा करते थे जिनका वजन लगभग 550 किलो हुआ करता था।
 
7. जतिंगा गांव : असम में स्थित यह गांव पक्षी आत्महत्या की घटनाओं के लिए सुर्खियों में बना हुआ है। कहा जाता है कि पक्षी यहां आकर आत्महत्या करते हैं। जापान के माउंट फूजी तलहटी में आवकिगोहारा के घने जंगल में जिस तरह से लोग आत्महत्या करने आते हैं, ठीक उसी तरह से मानसून की बोझिल रात में जतिंगा के आसमान पर मंडराने लगता है मौत का काला साया। रोशनी की ओर झुंड के झुंड पखेरू आते हैं और काल के गाल में समा जाते हैं। चिड़ियों के इस प्रकार सामूहिक आत्महत्या के पीछे क्या कारण है इस बात का पता आज तक नहीं लगाया जा सका। इस बात का पता लगाने के लिए कई शोध हो चुके हैं, परंतु प्रकृति के इस गूढ़ रहस्य के बारे में अभी भी ठोस रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता। असम के कछार स्थित इस घाटी के रहस्यों को जानना जरूरी है।
 
8. भारत की गुफाएं : भारत में बहुत सारी प्राचीन गुफाएं हैं, जैसे बाघ की गुफाएं, अजंता- एलोरा की गुफाएं, एलीफेंटा की गुफाएं और भीम बेटका की गुफाएं। ये सभी गुफाएं किसने और कब बनाईं? इसका रहस्य अभी सुलझा नहीं है। अखंड भारत की बात करें तो अफगानिस्तान के बामियान की गुफाओं को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। भीमबेटका में 750 गुफाएं हैं जिनमें 500 गुफाओं में शैलचित्र बने हैं। यहां की सबसे प्राचीन चित्रकारी को कुछ इतिहासकार 35 हजार वर्ष पुराना मानते हैं, तो कुछ 12,000 साल पुरानी। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित पुरापाषाणिक भीमबेटका की गुफाएं भोपाल से 46 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। ये विंध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुई हैं। भीमबेटका मध्यभारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विंध्याचल की पहाड़ियों के निचले हिस्से पर स्थित है। पूर्व पाषाणकाल से मध्य पाषाणकाल तक यह स्थान मानव गतिविधियों का केंद्र रहा।
 
9. तिब्बत का यमद्वार : प्राचीन काल में तिब्बत को त्रिविष्टप कहते थे। यह अखंड भारत का ही हिस्सा हुआ करता था। तिब्बत को चीन ने अपने कब्जे में ले रखा है। तिब्बत में दारचेन से 30 मिनट की दूरी पर है यह यम का द्वार। यम का द्वार पवित्र कैलाश पर्वत के रास्ते में पड़ता है। हिंदू मान्यता अनुसार, इसे मृत्यु के देवता यमराज के घर का प्रवेश द्वार माना जाता है। यह कैलाश पर्वत की परिक्रमा यात्रा के शुरुआती प्वाइंट पर है। तिब्बती लोग इसे चोरटेन कांग नग्यी के नाम से जानते हैं, जिसका मतलब होता है दो पैर वाले स्तूप। ऐसा कहा जाता है कि यहां रात में रुकने वाला जीवित नहीं रह पाता। ऐसी कई घटनाएं हो भी चुकी हैं, लेकिन इसके पीछे के कारणों का खुलासा आज तक नहीं हो पाया है। साथ ही यह मंदिरनुमा द्वार किसने और कब बनाया, इसका कोई प्रमाण नहीं है। ढेरों शोध हुए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका।
 
10. भारत के विचित्र मानव : ऐसे कई लोग हैं जिनके बारे में दावा किया जाता है कि वे हजारों वर्षों से जीवित हैं। अश्वत्थामा, हनुमानजी, जामवंत, विभीषण, पराशुराम, महर्षि व्यास, कृपाचार्य, राजा बली आदि।  भारत में देवहरा बाबा के बारे में दावा किया जाता है कि वे 750 वर्ष तक जिंदा रहे। उनकी मौत 1990 में हो गई थी। त्रैलंग स्वामी जिन्हें 'गणपति सरस्वती' भी कहते हैं, उनकी उम्र 286 वर्ष की थी। त्रैलंग स्वामी का जन्म नृसिंह राव और विद्यावती के घर 1601 को हुआ था। वे वाराणसी में 1737-1887 तक रहे। इसी तरह शिवपुरी बाबा थे, जो 27 सितंबर 1826 में जन्मे और जनवरी 1963 में उन्होंने देह त्याग दी। बंगाल के संत लोकनाथजी का जन्म 31 अगस्त 1730 को हुआ और 3 जून 1890 को उन्होंने देह छोड़ दी।...इसी तरह महावतार बाबा के बारे में कहा जाता है कि  वे पिछले 5000 वर्षों से जीवित हैं। सवाल लंबे काल तक जिंदा रहने का नहीं कई चमत्कारिक, सिद्ध, जादूगर और अजीब ही तरह के करतब बताने वाले लोग भी रहे हैं। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Shri Krishna 12 August Episode 102 : सुदामा की पत्नी ने जब श्रीकृष्ण को मारा ताना