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यूक्रेन पर कब्जे के लिए क्या परमाणु हथियारों का उपयोग करेगा रूस ?

रूस की परमाणु युद्ध की धमकी यूक्रेन नहीं दुनिया के अन्य मुल्कों के लिए: वीबी सोनी

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विकास सिंह

, शुक्रवार, 4 मार्च 2022 (15:27 IST)
रूस-यूक्रेन युद्ध का आज नवां दिन है। युद्ध के नौवें दिन रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रही है। इस बीच यूक्रेन के एनेर्होदर शहर में स्थित यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला कर उस पर कब्जा कर लिया। अमेरिकी परमाणु सोसाइटी ने परमाणु संयंत्र पर हमले की निंदा करते हुए चिंता जताई है।
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रूस ने परमाणु संयंत्र पर हमला ऐसे समय किया है कि जब रूस-यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियार के उपयोग की काफी आंशका जाहिर की जा रही है। ऐसे में अब यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या यूक्रेन पर कब्जा करने के लिए रूस अपने परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है?
 
रूस-यूक्रेन युद्ध में लगातार इस बात की आंशका जाहिर की जा रही है कि कहीं रूस यूक्रेन पर परमाणु हमला ना कर दें। इन आंशकाओं को इस बात से बल मिलता है क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी न्यूक्लियर फोर्स को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने का आदेश दिया था। वहीं रूस की इस कार्रवाई के बाद अमेरिका ने रूस के आसपास के देशों में परमाणु हथियारों की तैनाती बढ़ाना शुरू कर दिया है।
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रूस और यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना को यूक्रेन में भारत के पूर्व राजदूत रहे वीबी सोनी फिलहाल नकार देते है। 'वेबदुनिया' से बातचीत में वह कहते हैं कि इसको समझना होगा कि रूस ने परमाणु हथियार को लेकर जो बात कही है वह सिर्फ युद्ध की एक रणनीति का हिस्सा है। युद्ध में परमाणु हथियार अन्य पारंपरिक हथियारों की तरह उपयोग नहीं होते है।

यूक्रेन में लंबे समय तक भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले वीबी सोनी कहते हैं कि रूस ने परमाणु हथियारों के उपयोग की बात यूक्रेन के लिए नहीं की है, बल्कि यह बातें अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के लिए कही गई है। रुस से परमाणु हथियारों को लेकर अमेरिका के साथ-साथ नाटो को केवल चेतावनी दी है कि अगर युद्ध में कोई देश सीधे यूक्रेन की तरह से आता है तो वह परमाणु हथियारों के उपयोग से भी पीछे नहीं हटेगा।

वीबी सोनी कहते हैं कि परमाणु हथियारों को जो असर जो होगा वह सिर्फ यूक्रेन पर नहीं होगा, इसका असर आपसपास के देशों पर भी होगा। वह 1986 की चेर्नोबिल परमाणु दुर्घटना का हवाला देते हुए कहते हैं कि इसका असर लंबे समय तक देखने को मिला था।
 
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच आर्म्स कंट्रोल सेंटर ने अनुमान जताया  है कि अमेरिका के करीब 100 परमाणु हथियार नाटो के पांच सदस्य इटली में एविएनो और घेडी, जर्मनी में बुकेल, तुर्की में इंकर्लिक, बेल्जियम में क्लेन ब्रोगेल और नीदरलैंड में वोल्केल देशों के छह बेस पर तैनात हैं वहीं अब अमेरिका इन्हीं की संख्या बढ़ाने जा रहा है।

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