क्या है SWIFT? कैसे करता है काम, रूस को कैसे और कितना होगा नुकसान?

Webdunia
रविवार, 27 फ़रवरी 2022 (18:34 IST)
यूक्रेन (Ukraine) पर रूसी हमले के खिलाफ अमेरिका और उसके सहयोगी देशों एवं साझेदारों ने वैश्विक वित्तीय भुगतान तंत्र  (Global Finance Payment System) ‘SWIFT' से प्रतिबंधित रूसी बैंकों को अलग करने और रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कदम लागू करने का फैसला किया है।

अमेरिका, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं द्वारा शनिवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार, प्रतिबंधित रूसी कंपनियों और कुलीन वर्गों की संपत्तियों का पता लगाने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त कार्य बल गठित किया गया है।

क्या है SWIFT?
‘सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन' (SWIFT) दुनिया की प्रमुख बैंकिंग संदेश सेवा है, जो भारत सहित 200 से अधिक देशों में लगभग 11,000 बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जोड़ती है।

इस प्रणाली को वैश्विक वित्त व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। रूस को इससे बाहर कर दिया गया है जो उसके लिए एक बड़ा झटका है।

SWIFT की स्थापना 1973 में की गई थी। यह वास्तविकता में धन के किसी भी हस्तांतरण को स्वयं नहीं संभालता है लेकिन इसकी संदेश प्रणाली, जिसे 1970 के दशक में टेलेक्स मशीनों पर भरोसा करने के लिए विकसित किया गया था, बैंकों को तेजी से, सुरक्षित और सस्ते में संचार करने का साधन प्रदान करती है।

SWIFT क्या करता है?
बैंक आपस में रकम के हस्तांतरण, ग्राहकों के लिए रकम के हस्तांतरण और संपत्ति के लिए ऑर्डर खरीदने और बेचने के बारे में मानकीकृत संदेश भेजने के लिए SWIFT प्रणाली का उपयोग करते हैं।

200 से अधिक देशों में 11,000 से अधिक वित्तीय संस्थान SWIFT प्रणाली  का उपयोग करते हैं, जो इसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय हस्तांतरण प्रणाली की रीढ़ बनाता है। वित्तीय क्षेत्र में इसकी प्रमुख भूमिका आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में भी रही है।

रूस में SWIFT का प्रतिनिधि कौन?
राष्ट्रीय संघ रॉसविफ्ट के अनुसार, उपयोगकर्ताओं की संख्या के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश रूस है। वहां इस सिस्टम से सम्बद्ध लगभग 300 रूसी वित्तीय संस्थान हैं। यानी रूस के आधे से अधिक वित्तीय संस्थान स्विफ्ट के सदस्य हैं।

रूस के पास अपना घरेलू वित्तीय ढांचा है, जिसमें बैंक हस्तांतरण के लिए SPFS System और वीज़ा और मास्टरकार्ड सिस्टम के समान कार्ड भुगतान के लिए Mir System भी शामिल है।

बैंकों को स्विफ्ट से हटाना गंभीर प्रतिबंध माना जाता है, क्योंकि लगभग सभी बैंक इस प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं। रूस अपने अहम तेल एवं गैस निर्यात के लिए इस प्रणाली पर अत्यधिक निर्भर है।

रूसी बैंकों पर लगाए गए नए प्रतिबंधों से जुड़े बयान में कहा गया कि अमेरिका और उसके सहयोगी यह ‘‘सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि चुनिंदा रूसी बैंकों को स्विफ्ट संदेश प्रणाली से हटाया जाए। इससे ये बैंक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से कट जाएंगे और इससे उनकी वैश्विक स्तर पर संचालन की क्षमता कमजोर होगी।'

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

कोलकाता में शनिवार को काम पर लौटेंगे जूनियर डॉक्टर, OPD में नहीं करेंगे काम

Haryana : खट्टर के भतीजे ने कांग्रेस में शामिल होने की खबरों का किया खंडन, बोले- भाजपा और अपने चाचा के साथ हूं

LLB अंतिम वर्ष के छात्र भी दे सकेंगे AIBE की परीक्षा, Supreme Court ने BCI को दिए आदेश

फारूक अब्दुल्ला का PM मोदी पर पलटवार, कहा- वे उन लोगों के साथ खड़े जिन्हें पाक से मिलता है धन

Tirupati Laddu : CM नायडू बोले- YSRCP ने भंग की TTD की पवित्रता, लड्डू में मिलावटी घी का किया इस्तेमाल

अगला लेख
More