कीव। रूस और यूक्रेन में बीच 10वें दिन भी युद्ध जारी है। रूसी विमानों ने खारकीव और कीव समेत कई शहरों में हमले किए। यूक्रेन ने भी दावा किया कि उसने जवाबी हमला करते हुए रूसी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया। युद्ध से जुड़ी हर जानकारी...
-यूक्रेन के मारियुपोल और वोल्नोवाखा रूस के सीजफायर का ऐलान
-भारतीय समयानुसार सुबह 11.30 बजे से सीजफायर
-मानवीय कॉरिडोर बनाने के लिए सीजफायर
629 भारतीयों की वतन वापसी : भारतीय वायु सेना के 3 विमान यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 629 भारतीयों को लेकर शनिवार सुबह दिल्ली के हिंडन वायु सैनिक अड्डे पर पहुंचे। ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक वायु सेना की 10 विशेष उड़ानों के जरिए 2,056 भारतीयों को स्वदेश लाया जा चुका है। इसके अलावा यूक्रेन के पड़ोसी देशों को 26 टन राहत सामग्री भी पहुंचाई गई है।
पोलैंड और रोमानिया जाएंगी कमला हैरिस : अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के खिलाफ अपने यूरोपीय सहयोगियों को एकजुट करने के लिए अगले सप्ताह पोलैंड और रोमानिया जाएंगी।
-रूस ने मारियापोल को चारों तरफ से घेरा। ओडेसा में एक पुल को उड़ाया।
-अमेरिका का दावा, रूस ने 1 हफ्ते में यूक्रेन पर 500 से ज्यादा मिसाइल दागे।
-संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अब तक 12 लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन।
यूक्रेन नो फ्लाय जोन नहीं : नाटो ने खारिज किया यूक्रेन को नो फ्लाई जोन बनाने का प्रस्ताव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने इस फैसले से निराश। कहा कि इस कदम से गठबंधन ने रूस को बमबारी अभियान जारी रखने के लिए हरी झंडी दे दी है। उन्होंने नाटो से नो फ्लाई जोन की अपील की थी।
UNSC की आपात बैठक : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन में जारी मानवीय संकट के बीच सोमवार को आपात बैठक करेगी। इस बात की जानकारी राजनयिकों ने शुक्रवार को दी है. गोपनीयता की शर्त पर एक राजनयिक ने एएफपी को बताया कि सार्वजनिक सत्र के बाद 15 सदस्यीय परिषद बंद दरवाजों के पीछे एक संभावित मसौदा प्रस्ताव पर चर्चा करेगी.
सरकार उठाएगी हरजोत के इलाज का खर्च : विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने यूक्रेन की राजधानी कीव में गोली लगने से घायल हुए भारतीय छात्र हरजोत सिंह के इलाज का खर्च उठाने का फैसला किया है। सिंह का कीव के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
बीबीसी ने रूस में रोका काम : ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) ने कहा कि रूस के एक नया कानून लाने के बाद उसके पास रूस में अपने पत्रकारों का कामकाज अस्थायी रूप से निलंबित करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। इस कानून के तहत देश के सशस्त्र बलों के बारे में झूठी सूचना फैलाने पर किसी व्यक्ति को 15 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।