Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

रूसी हमले से डरी यूक्रेन की एक लड़की ने कहा- मैं मरना नहीं चाहती...

हमें फॉलो करें रूसी हमले से डरी यूक्रेन की एक लड़की ने कहा- मैं मरना नहीं चाहती...
, शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022 (23:41 IST)
कीव। रूसी बलों के यूक्रेन पर हमले के दूसरे दिन तड़के, यूरी ज्याहानोव अपनी मां के चीखने-चिल्लाने से जाग गया और उसने खुद को धूल से ढंका पाया। रूसी बलों ने राजधानी कीव के बाहरी इलाके में उनकी आवासीय इमारत पर गोलाबारी की।

मारियुपोल शहर में, व्लादा नाम की एक लड़की युद्ध को रोके जाने की प्रार्थना करती नजर आई। व्लादा ने कहा, मैं मरना नहीं चाहती। मैं चाहती हूं कि यह सब जल्द से जल्द खत्म हो।

ज्याहानोव और अन्य नागरिक अपनी जान जोखिम में होने से डरे सहमे थे, और कई लोगों ने भागना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को तड़के कीव में हवाई हमले के सायरन बजने के बीच ज्याहानोव और उसके परिवार ने भी वहां से जाने की तैयारी कर ली है।

उन्होंने क्षतिग्रस्त इमारत की ओर इशारा करते हुए रूसी सैनिक से कहा, तुम यह क्या कर रहे हो? यह क्या है? उन्होंने कहा, यदि आप सैन्यकर्मियों पर हमला करना चाहते हैं, तो सैन्यकर्मियों पर हमला करें। मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं।

रूसी सैनिक ने कहा है कि वह शहरों को निशाना नहीं बना रहा है, लेकिन वह शहरों के बहुत करीब पहुंच गया है। बख्तरबंद गाड़ियां शहर की सड़कों पर देखी गईं। निवासी बेचैनी से अपार्टमेंट के, इमारतों के दरवाजों पर खड़े होकर इस नजारे को देख रहे थे।

होर्लिवका शहर में एक घर के बाहर कंबल से ढंका एक शव जमीन पर पड़ा हुआ था। जिस व्यक्ति का यह शव था वह गोलाबारी की चपेट में आ गया था। इस शव के निकट खड़ा एक व्यक्ति फोन पर बात कर रहा था। वह फोन पर कह रहा था, हां, मां चली गई। कुछ लोग यूक्रेन छोड़ने से हिचकिचा रहे थे और वे रेलवे प्लेटफॉर्म पर खड़े थे।

इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि उसे नागरिकों के हताहत होने की खबर मिल रही है और कम से कम 25 मौतों की पुष्टि हुई है। इनमें से ज्यादातर लोग गोलाबारी और हवाई हमलों में मारे गए हैं। मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा, हमें आशंका है कि हताहतों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती हैं।

कोसोन में अपना घर छोड़ने को मजबूर हुई मारिका सिपोस ने भावुक होते हुए कहा, कुछ नागरिक अपना सामान लेकर पैदल ही सीमाओं के पास पहुंचे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम बुढ़ापे में युद्ध का सामना करते हुए यहां आए। पोलैंड में सीमा पार एक रेलवे स्टेशन पर यूक्रेन के सैकड़ों लोगों ने शरण मांगी।

गौरतलब है कि यूक्रेन के खिलाफ बड़े सैन्य अभियान की घोषणा करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरअंदाज किया और अन्य देशों को चेतावनी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Russia Ukraine War : रूस ने Facebook के इस्तेमाल पर लगाई 'आंशिक पाबंदी'