प्रेम गीत : पिया संग प्रेम रंग

सुशील कुमार शर्मा
क्षणिकाएं (शब्द पदी)
चारु चन्द्र
मन मतंग
पिया संग
प्रेम रंग
लगी अंग।
 
दीप्त दामनी
चटक चांदनी
मन भावनी 
प्रेम पावनी 
प्रीत रागनी। 
 
चन्द्र कली
कल मिली
फूल खिली
चाह दिली
प्रेम गली। 
 
बरसा सावन
पिय मनभावन
रूठे साजन
चंचल चितवन
नाचे मधुवन। 
 
प्रेमगीत
मनमीत
झूठी प्रीत
तेरी जीत
कैसी रीत।
 
आई बहार
गाओ मल्हार
प्रेम पुकार
जिया बेकरार
पिया निहार। 
 
चांद रात
पिया सुनात
प्रेम बात
मधुर गात
जिया अघात। 
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