Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

गणतंत्र दिवस पर दोहे

हमें फॉलो करें गणतंत्र दिवस पर दोहे
Republic day
- प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे

भारत के गणतंत्र का, सारे जग में मान।
सा‍त दशकों से खिल रही, उसकी अद्भुत शान॥
 
सब धर्मों को मान दे, रचा गया इतिहास।
इसीलिए हर नागरिक, के अधरों पर हास॥
 
प्रजातंत्र का तंत्र यह, लिए सफलता-रंग।
जात-वर्ग औ क्षेत्र का, भेद नहीं है संग॥
 
पांच वर्ष में हो रहा, संविधान का यज्ञ।
शांतिपूर्ण ढंग देखकर, चौंके सभी सुविज्ञ॥
 
भारत का हर नागरिक, संविधान का मीत।
इसीलिए सबके अधर, विश्वासों का गीत॥
 
पर कुछ नेता भ्रष्ट हो, फैलाते अंधियार।
ऐसे तो मर जाएगा, भारत का उजियार॥
इसीलिए हो जागरूक, भारत का हर वीर।
तभी मरेगी वेदना, हारेगी सब पीर॥
 
जो भी बिखरे राह में, चुनने होंगे शूल।
तभी खिलेंगे देश में, उत्थानों के फूल॥
 
शनैः शनैः कितना बढ़ा, देखो भ्रष्टाचार।
पर यदि जनता जागरुक, हो सकता उपचार॥
 
एक बार फिर चेतना, फिर गूंजे उद्घोष।
देश रहेगा स्वस्थ तब, जब हर रक्खे होश॥
 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कश्मीर में पैदा हुआ नया आतंकी संगठन, लोगों को डराने की साजिश