गणतंत्र को निगलता मनमानी तंत्र

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'
शनिवार, 26 जनवरी 2013 (17:26 IST)
FILE
एक अरब से ज्यादा की भीड़ हो चली है इस देश में। सवाल यह उठता है कि कैसे इस भीड़ को मैनेज किया जाए। कानून असफल हो रहे हैं। भीड़तंत्र के चलते लोग, नेता, पुलिस और मीडिया मनमानी करने लगे हैं। संविधान में सैंकड़ों संसोधन हो चुके हैं। नतीजा यह है कि अब लोग सोचने लगे हैं कि कोई तानाशाह हो......क्यों?

गणतंत्र का आधार हो गुणतंत्र : हमारे संतों ने गुणतंत्र के आधार पर गणतंत्र की कल्पना की थी, लेकिन हमारे इस गणतंत्र में कोई अंगूठा टेक भी प्रधानमंत्री बनकर हमारी छाती पर मूंग दल सकता है। यह हालात किसी तानाशाही तंत्र से भी बुरी है। न ढंग से जी रहे हैं और न मर रहे हैं। निश्चित ही अब लोग सोचने लगे हैं कि या तो गणतंत्र बदलो या चुनाव प्रक्रिया को सुधारों।

मनमानी तंत्र : भ्रष्टाचार, अव्यवस्था और जंगल राज के खिलाफ चले आंदोलन असफल हो गए हैं, क्योंकि राजनीतिज्ञों, पत्रकारों, वकीलों और माननीय उद्योगपतियों के हाथों में शक्ति है जिसका वे अच्छे और सभ्य तरीके से दुरुपयोग करना सीख गए हैं। वे सीधे सीधे तानाशाह नहीं है, लेकिन अघोषित रूप से सब कुछ है।

धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्रवाद और साम्यवाद तो सिर्फ शब्द भर हैं। ऊपर जाकर सभी की सोच मध्ययुगीन बन जाती है। चुनाव लड़ते समय भी सभी इसी सोच से ग्रस्त रहते हैं। गणतंत्र तो दिखावे के लिए है, झंडावंदन करने के लिए है। एक सभ्य और लोकतांत्रिक देश घोषित करने के लिए है। असल में यहां हर राज्य, पार्टी, जाति और धर्म का अलग-अलग तंत्र हो चला है।

खाप पंचायतें इसके उदाहरण है। मीडिया अब पुलिस और वकीलों का काम करती है। नेता अपने हित के लिए संविधान में संशोधन करा सकता है और जातियां ब्लैकमेल करने लगी है। सभी को चाहिए आरक्षण, सुविधा, धन, शक्ति और पद।

गणतंत्र के प्रति असंतोष : भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं और इस दौरान लोगों में लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति असंतोष भी व्याप्त होता गया। असंतोष का कारण भ्रष्ट शासन और प्रशासन तथा राजनीति का अपराधिकरण। भारत में बहुत से ऐसे व्यक्ति और संगठन हैं जो भारतीय संविधान के प्रति श्रद्धा नहीं रखते।

तानाशाही भयावह है : समझने वाली बात यह है कि लादी गई व्यस्था या तानाशाह कभी दुनिया में ज्यादा समय तक नहीं चल पाया। माना कि लोकतंत्र की कई खामियां होती है, लेकिन तानाशाही या धार्मिक कानून की व्यवस्था व्यक्ति स्वतंत्रता का अधिकार छीन लेती है, यह हमने देखा है। जर्मन और अफगानिस्तान में क्या हुआ सभी जानते हैं। सोवियत संघ क्यों बिखर गया यह भी कहने की बात नहीं है। भविष्य में देखेंगे आप चीन को बिखरते हुए।

Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan War : पाकिस्तान पर काल बनकर बरसीं ये स्वदेशी मिसाइलें, आतंक के आका को सदियों तक रहेगा भारतीय हमले का सदमा

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया संकेत, भारत ने की अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क घटाने की पेशकश

भारत और PAK के बीच मध्यस्थता वाले बयान से पलटे Donald Trump, बोले- मैंने मदद की

कर्नल सोफिया कुरैशी के बाद अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर विवादित बयान, जानिए रामगोपाल यादव ने क्या कहा

Donald Trump ने Apple के CEO से कहा- भारत में बंद करें iPhone बनाना, सबसे ज्यादा टैरिफ वाला देश, बेचना मुश्किल

सभी देखें

नवीनतम

हरियाणा में पकड़ाया पाकिस्तानी जासूस, ISI को भेज रहा था खुफिया जानकारी

MP : सरकारी कार्यशाला में विजय शाह की फोटो पर भड़के अफसर, मंत्री की जगह लगाई PM मोदी की तस्वीर

Ceasefire को लेकर भारत और पाक के DGMO ने की बात, Pakistan के विदेश मंत्री डार ने किया यह दावा

Tahawwur Rana : तहव्वुर राणा को मिलेगी उसके हर गुनाह की सजा, बनी 5 वकीलों की टीम, जनरल तुषार मेहता अध्यक्ष

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में मुठभेड़, 3 आतंकी ढेर, 3 राइफल और 3 ग्रेनेड बरामद