वैकुंठ चतुर्दशी : भगवान शिव ने दिया था विष्णुजी को सुदर्शन चक्र, पढ़ें कथा और मुहूर्त

Webdunia
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वैकुंठ चतुर्दशी मनाई जाती है। इस बार वैकुंठ चतुर्दशी 29 नवंबर 2020 को है। इस दिन वैकुंठ के आधिपति भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करने का विधान है। यह दिन भगवान शिव और विष्णु जी के मिलन को दर्शाता है, इसलिए वैकुंठ चतुर्दशी को हरिहर का मिलन भी कहा जाता है।

इस दिन विष्णु जी की कमल के फूलों से पूजा करनी चाहिए साथ ही भगवान शिव की पूजा भी करनी चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। जानते हैं वैकुंठ चतुर्दशी की कथा और व्रत का विधान... 
 
कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु शिव जी का दर्शन करने महादेव की नगरी काशी में आए। उसके बाद उन्होंने मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने के पश्चात एक हजार स्वर्ण कमलों से शिव जी का पूजन करने का संकल्प लिया। 
 
विष्णु जी की परीक्षा लेने के उद्देश्य से शिव जी ने उन स्वर्ण कमलों में से एक कमल कम कर दिया। तब उस कमल की पूर्ति करने के लिए विष्णु जी ने अपने नयन कमल शिव जी को अर्पित करने का विचार किया। जैसे ही विष्णु जी अपने नयन अर्पित करने को तत्पर हुए, शिव जी प्रकट हो गए। उन्होंने विष्णु जी से कहा कि आपके समान मेरा कोई भक्त नहीं है। तब शिव जी ने कहा की आज से कार्तिक मास की चतुर्दशी वैकुंठ चतुर्दशी के नाम से जानी जाएगी। विष्णु जी की भक्ति से प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें सुदर्शन चक्र प्रदान किया। 
 
वैकुंठ चतुर्दशी व्रत की तिथि
 
चतुर्दशी तिथि आरंभ- 28 नवंबर 2020 सुबह 10 बजकर 26 मिनट से
 
चतुर्दशी तिथि समाप्त-29 नवंबर 2020 दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक
 
व्रत का विधान-
वैकुंठ चतुर्दशी को प्रातःकाल स्नानदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प करें और पूरे दिन व्रत करें।

रात्रि के समय कमल के पुष्पों से भगवान विष्णु की पूजन करें।

तत्पश्चात भगवान शिव का विधि-विधान के साथ पूजन करें।

दूसरे दिन प्रातः उठकर शिव जी का पूजन करके जरुरतमंद को भोजन करवाएं और व्रत का पारण करें। 
ALSO READ: कार्तिक पूर्णिमा कब है, जानिए शिव के त्रिपुरारी कहे जाने की पौराणिक कथा
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

सभी देखें

धर्म संसार

Bhishma Panchak 2024 : भीष्म पंचक व्रत आज से, जानें पूजा विधि और महत्व

Aaj Ka Rashifal: 11 नवंबर का दिन किन राशियों के लिए रहेगा शानदार, पढ़ें 12 राशियां

11 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

11 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Saptahik Muhurat 2024: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 11 से 17 नवंबर

अगला लेख
More