ओणम के दिन अपनी प्रजा से मिलने आते हैं राजा बलि, पढ़ें पौराणिक कथा

Webdunia
पुराणों में वर्णित है कि प्राचीन काल में राजा बलि नामक दैत्य राजा हुआ करते थे। उनकी अच्छाइयों के कारण जनता उनके गुणगान करती थी। उनका यश बढ़ते देखकर देवताओं को चिंता होने लगी तब उन्होंने भगवान विष्णु से अपनी बात कही। देवताओं की बात सुनकर श्रीहरि विष्णु भगवान ने वामन रूप धारण कर राजा बलि से दान में तीन पग भूमि मांग ली। 
 
वामन भगवान ने दो पग में धरती और आकाश नाप लिया। तीसरा पग रखने के लिए उनके पास जगह ही नहीं थी। तब राजा बलि ने अपना सिर झुका दिया। वामन भगवान ने पैर रखकर राजा को पाताल भेज दिया। लेकिन उसके पहले राजा बलि ने साल में एक बार अपनी प्रजा से मिलने आने की आज्ञा मांग ली।
 
सदियों से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि ओणम के दिन राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने आते हैं, इसी खुशी में मलयाली समाज ओणम मनाता है। इस अवसर पर केरल के पारंपरिक लोकनृत्य शेर नृत्य, कुचिपुड़ी, गजनृत् आदि के साथ यह दिन बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। साथ ही ओणम पर्व नई फसल के आने की खुशी में भी मनाया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

11 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

11 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Saptahik Muhurat 2024: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 11 से 17 नवंबर

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा आज का दिन, पढ़ें 10 नवंबर का राशिफल

MahaKumbh : प्रयागराज महाकुंभ में तैनात किए जाएंगे 10000 सफाईकर्मी

अगला लेख
More