टीपू सुल्तान जामा मस्जिद के हनुमान मंदिर होने का दावा, कर्नाटक में छिड़ा विवाद

Webdunia
मंगलवार, 7 जून 2022 (12:46 IST)
बेंगलुरु। टीपू सुल्तान के जमाने में बनवाई गई एक मस्जिद के पूर्व में हनुमान मंदिर होने के दावे के चलते कर्नाटक में इस पर अब विवाद छिड़ गया है। कहते हैं कि इस मस्जिद का निर्माण 1784 में टीपू सुल्तान द्वारा कराया गया था। लेकिन हिन्दू पक्ष का दावा है कि यहां पहले हनुामन मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई है।
 
 
कहां स्थित है जामा मस्जिद : बेंगलुरु से करीब 120 किलोमीटर मांड्या जिले में श्रीरंगपट्टन में स्थित है यह मस्जिद। यहां पर वोक्कालिगा समाज का प्रभुत्व है। इस क्षेत्र को कर्नाटक का अयोध्या माना जाता है। हालांकि यहां पर वर्तमान में जनता दल (सेक्यूलर) का दबदबा है। सत्तारूढ़ भाजपा सरकार इस समृद्ध जिले में अपनी पैठ बनाने का प्रयास कर रही है। कर्नाटक में अगले साल चुनाव होने वाले हैं।
 
 
किसने किया हनुमान मंदिर होने का दावा : नरेंद्र मोदी विचार मंच ने इस मस्जिद के हनुमान मंदिर होने के दावे के साथ ही यहां पूजा करने की मांग उठा दी है। मंच के राज्य सचिव सीटी मंजूनाथ ने कहा है कि टीपू सुल्तान के जो दस्तावेजी साक्ष्य मौजूद हैं, वो इस कथन को सच साबित करते हैं कि वहां पर पहले एक हनुमान मंदिर हुआ करता था। इसके स्तंभ और दीवारों पर हिंदू शिलालेख हमारा समर्थन करते हैं। हमने प्रार्थना करते हुए मस्जिद का दरवाजा खोलने की अनुमति मंगी है।
 
 
मस्जिद की दीवारों पर हिन्दू शिलालेख मिले होने के दावे के साथ ही इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कर्नाटक के पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने भी कहा है कि अब मुस्लिम भी ये बात मान चुके हैं कि वहां पर मस्जिद की जगह असल में एक मंदिर था। ये बात किसी से नहीं छिपी है कि मुगलों ने 36000 मंदिरों को तोड़ दिया था।
 
 
कालीमठ के ऋषि कुमार स्वामी का दावा : कालीमठ के ऋषि कुमार स्वामी नाम के एक अन्य व्यक्ति ने दावा किया है कि 1784 में टीपू सुल्तान के शासन के दौरान हनुमान मंदिर को एक मस्जिद में बदल दिया गया था। यह साबित करने के लिए काफी है कि मस्जिद में शिलालेख मौजूद है। मस्जिद के अंदर तत्कालीन होयसला साम्राज्य का प्रतीक है।
 
 
मस्जिद कमेटी ने की सुरक्षा की मांग : हिन्दू मंच के दावे और पूजा की मांग के जोर पकड़ने के चलते जामा मस्जिद के अधिकारी परेशान हो गए हैं। उनकी तरफ से अब मस्जिद की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई है। हालांकि अभी तक कर्नाटक सरकार या किसी दूसरी बड़े संगठन ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shraddha Paksha 2024: पितृ पक्ष में यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध कर्म किया तो उसका नहीं मिलेगा फल

गुजरात के 10 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाना न भूलें

Sukra Gochar : शुक्र का तुला राशि में गोचर, 4 राशियों के जीवन में बढ़ जाएंगी सुख-सुविधाएं

Vastu Tips for Balcony: वास्तु के अनुसार कैसे सजाएं आप अपनी बालकनी

सितंबर 2024 : यह महीना क्या लाया है 12 राशियों के लिए, जानें Monthly Rashifal

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: क्या लाया है आज का दिन आपके लिए, पढ़ें 21 सितंबर का दैनिक भविष्यफल

16 shradh paksha 2024: श्राद्ध पक्ष पितृपक्ष में महाभरणी का है खास महत्व, गया श्राद्ध का मिलता है फल

21 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

21 सितंबर 2024, शनिवार के शुभ मुहूर्त

16 shradh paksha 2024: पितृ पक्ष का पांचवां दिन : जानिए चतुर्थी श्राद्ध तिथि पर क्या करें, क्या न करें

अगला लेख
More