Nag Panchami 2024: मध्यप्रदेश में शिवजी और नागदेव का एक ऐसा मंदिर है जहां पर जाने के लिए करीब 7 पहाड़ों को पार करना होता है। यह अमरनाथ की गुफा तक पहुंचने से भी ज्यादा कठिन यात्रा है। यात्रा के मार्ग में घने जंगलों में जहरीले सांप, जनावरों और भूस्खलन का खतरा भी रहता है। वर्ष में एक बार सावन माह में सिर्फ 10 दिनों के लिए ही यह मंदिर खुलता है। इस यहां 5 लाख लोगों द्वारा दर्शन करने के अनुमान है। इस मंदिर का नाम है नागद्वार मंदिर जो पचमढ़ी के पहाड़ों पर स्थित है।
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कहते हैं कि सतपुड़ा के घने जंगलों के बीच एक ऐसा रहस्यमयी रास्ता है जो सीधा नागलोक जाता है। इस दरवाजे तक पहुंचने के लिए दुर्गम पहाड़ों की चढ़ाई और खतरनाक जंगलों से होकर गुजरान होता है। तब जाकर आप नागद्वारी पहुंच सकते हैं। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र होने के कारण यहां प्रवेश वर्जित होता है। हर साल नागपंचमी पर यहां एक मेला भरता है।
मंदिर का परिचय : नागद्वारी के अंदर करीब 100 फीट लंबी चिंतामणि की गुफा है। इस गुफा में नागदेव की कई मूर्तियां हैं। यहां से करीब आधा किमी की दूरी पर एक गुफा में स्वर्ग द्वार है। यहां पर भी नागदेव की ही मूर्तियां हैं। सुबह से श्रद्धालु नाग देवता के दर्शन के लिए निकलते हैं। 12 किमी की पैदल पहाड़ी यात्रा पूरी कर लौटने में भक्तों को दो दिन लगते हैं। पहाड़ियों पर सर्पाकार पगडंडियों से नागद्वारी की कठिन यात्रा पूरी करने से कालसर्प दोष दूर होता है और शिवलिंग में काजल लगाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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