Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

द्वारकाधीश मंदिर की 10 रोचक बातें

हमें फॉलो करें द्वारकाधीश मंदिर की 10 रोचक बातें

अनिरुद्ध जोशी

भारत के गुजरात राज्य के पश्चिमी सिरे पर समुद्र के किनारे स्थित 4 धामों में से 1 धाम और 7 पवित्र पुरियों में से एक पुरी है द्वारिका। यहां पर श्रीकृष्ण का एक प्राचीन मंदिर है और समुद्र में डूबी हुई द्वारिका नगरी। आओ जानते हैं मंदिर के बारे में 10 रोचक बातें।
 
 
1. द्वारिका 2 हैं- गोमती द्वारिका, बेट द्वारिका। गोमती द्वारिका धाम है, बेट द्वारिका पुरी है। बेट द्वारिका के लिए समुद्र मार्ग से जाना पड़ता है।
 
2. चार धामों में से एक द्वारिका धाम का मंदिर लगभग 2 हजार से भी अधिक वर्ष पुराना है। द्वारिकाधीश मंदिर से लगभग 2 किमी दूर एकांत में रुक्मिणी का मंदिर है। कहते हैं, दुर्वासा के शाप के कारण उन्हें एकांत में रहना पड़ा।
 
3. वर्तमान में जिस स्थान पर उनका निजी महल 'हरि गृह' था वहां आज प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर है और बाकी नगर समुद्र में है। द्वारकाधीश मंदिर आम जनता के लिए सुबह 7 बजे से रात 9:30 बजे तक खुला रहता है। यह दोपहर 12:30 से शाम 5 बजे तक बंद रहता है।
 
4. मान्यता है कि इस स्थान पर मूल मंदिर का निर्माण भगवान कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने करवाया था। बाद में समय समय पर मंदिर का विस्तार एवं जीर्णोद्धार होता रहा। मंदिर को वर्तमान स्वरूप 16वीं शताब्दी में प्राप्त हुआ था। हलांकि द्वारकाधीश मंदिर द्वारका का मुख्य मंदिर है जिसे जगत मंदिर (ब्रह्मांड मंदिर) भी कहा जाता है। किवदंती है कि जगत मंदिर द्वारकाधीश मंदिर का मुख्य मंदिर लगभग 2500 वर्ष पुराना है और इसका निर्माण भगवान कृष्ण के पड़ पोते वज्रनाभ ने किया था।
 
5. कहते हैं कि प्रभु श्रीकृष्ण प्रतिदिन उत्तराखंड में चमोली में स्थित बद्रीनाथ धाम में सरोवर में स्नान करते हैं। स्नान करने के बाद श्रीकृष्ण गुजरात के समुद्र तट पर स्थित द्वारिका धाम में अपने वस्त्र बदलते हैं। द्वारिका में वस्त्र बदलने के बाद प्रभु श्रीकृष्ण ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ धाम में भोजन करते हैं। जगन्नाथ में भोजन करने के बाद प्रभु श्रीकृष्ण तमिलनाडु के रामेश्वरम धाम में विश्राम करते हैं। विश्राम करने के बाद भगवान पुरी में निवास करते हैं।
 
6. यह मंदिर चारों और से परकोटे से घिरा हुआ है। इनमें उत्तर दिशा में मोक्ष तथा दक्षिण में स्वर्ग का द्वार हैं। यहां से 56 सीढ़ियां चढ़ कर स्वर्ग द्वार से मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। मंदिर के पूर्व दिशा में शंकराचार्य द्वार स्थापित शारदा पीठ स्थित है।
 
7. यह मंदिर 5 मंजिला है जो 72 खंभो पर स्थापित है। मंदिर का शिखर 78.3 मीटर ऊंचा है और शिखर पर करीब 84 फुट लम्बी धर्मध्वजा फहराती रहती है। जिस पर सूर्य और चंद्रमा बने हुए हैं जिन्हें 10 किमी. की दूरी से भी देखा जा सकता है। 
 
8. द्वारकाधीश मंदिर के गर्भगृह में चांदी के सिंहासन पर भगवान श्री कृष्ण की श्यामवर्णी चतुर्भुजी प्रतिमा विराजमान है। भगवान ने हाथों में शंख, चक्र, गदा और कमल धारण किए हैं। 
 
9. द्वारकाधीश मंदिर के दक्षिण में गोमती धारा पर चक्रतीर्थ घाट है। उससे कुछ ही दूरी पर अरब सागर है जहां समुद्रनारायण मंदिर स्थित है। इसके समीप ही पंचतीर्थ है। वहां पांच कुओं के जल से स्नान करने की परम्परा है।
 
10. द्वारका का निकटतम घरेलू हवाई अड्डा जामनगर में स्थित है जो लगभग 137 किमी. की दूरी पर स्थित है जहाँ से आप टैक्सी द्वारा द्वारका पहुंच सकते हैं। द्वारका स्टेशन अहमदाबाद ओखा ब्रॉड गेज रेलवे लाइन पर स्थित है जहां से राजकोट, अहमदाबाद और जामनगर के लिए रेल सेवा उपलब्ध है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

श्री राधा और श्री रुक्मिणी में क्या अंतर है, जानिए