Don't take enmity with 8 people even by forgetting: आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार यदि व्यक्ति को तरक्की करना हो, परेशानियों से बचना हो और सुखपूर्वक जीवन यापन करना हो तो उसे इन 8 लोगों से कभी भी शत्रुता नहीं रखना चाहिए। यदि आपने शत्रुता मोल ली तो जीवन परेशानी में पड़ सकता है या मौत भी हो सकती है।
आत्पद्वेषाद् भवेन्मृत्यु: परद्वेषाद् धनक्षय:।
राजद्वेषाद् भवेन्नाशो ब्रह्मद्वेषाद कुलक्षय:।।-चाणक्य नीति
1. राजा या शासन-प्रशासन: राजा या शासन-प्रशासन से सीधे लड़ाई मोल लेने का अर्थ है जेल जाना या जान का खतरा।
2. स्वयं : कोई व्यक्ति खुद से द्वेष रखता, अनादर करता, शरीर और मन का ध्यान नहीं रखता है तो मृत्यु कभी भी आ सकती है।
3. बलशाली : बलशाली व्यक्ति चाहे धन से हो, शरीर से या हथियार साथ हो, उससे दुश्मनी मोल लेने का अर्थ मौत को न्योता देना है।
4. ब्राह्मण : किसी ब्राह्मण या विद्वान व्यक्ति से द्वेष करने पर कुल का ही क्षय हो जाता है।
5. मूर्ख : मूर्ख से दोस्ती भी बुरी और दुश्मनी भी बुरी। दूर ही रहें तो बेहतर हैं। ये आपकी छवि खराब कर सकते हैं।
7. डॉक्टर या रसोईए : डॉक्टर या वैद्य जो आपका इलाज कर रहा है उससे दुश्मनी मोल न लें। वह आपको नुकसान पहुंचा सकता है और रसोईया मौत मुंह में पहुंचा सकता है।
8. करीब मित्र: ऐसे मित्र जो आपके सभी राज जानता हो उससे दुश्मनी मोल लेने का अर्थ है छवि को नुकसान पहुंचाना।