माता के 51 शक्ति पीठ : विशालाक्षी शक्तिपीठ वाराणसी-4

अनिरुद्ध जोशी
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52 शक्ति पीठों के बारे में बताया गया है। प्रस्तुत है माता सती के शक्तिपीठों में इस बार विशालाक्षी शक्तिपीठ के बारे में जानकारी।
 
ALSO READ: माता के 51 शक्ति पीठ : चट्टल भवानी शक्तिपीठ-3
कैसे बने ये शक्तिपीठ : जब महादेव शिवजी की पत्नी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई। शिवजी जो जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए।
 
 
विशालाक्षी शक्तिपीठ : तंत्रचूड़ामणि के अनुसार उत्तरप्रदेश के काशी में मणि‍कर्णिक घाट पर माता के दाहिने कान के मणिजड़ीत कुंडल गिरे थे। इसकी शक्ति है विशालाक्षी‍ मणिकर्णी और भैरव को काल भैरव कहते हैं। सात पवित्र पुरियों में से एक काशी को वाराणसी और बनारस भी कहते हैं। काशी विश्‍वनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर मीरघाट मुहल्ले में स्थित है यह मंदिर, जहां विशालाक्षी गौरी का प्रसिद्ध मंदिर तथा विशालाक्षेश्वर महादेव का शिवलिंग भी है।

ALSO READ: माता के 51 शक्ति पीठ : बहुत ही जागृत है महामाया शक्तिपीठ -1
काशी विशालाक्षी मंदिर का वर्णन देवीपुराण में किया गया है। 'देवीपुराण' में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। देवी भागवत के 108 शक्तिपीठों में सर्वप्रथम विशालाक्षी के नाम के उल्लेख मिलता है। स्कंद पुराण के अनुसार विशालाक्षी नौ गौरियों में पंचम हैं तथा भगवान् श्री काशी विश्वनाथ उनके मंदिर के समीप ही विश्राम करते हैं।
 
ALSO READ: माता के 51 शक्ति पीठ : श्री कात्यायनी पीठ वृन्दावन-2
पौराणिक परंपरा के अनुसार विशालाक्षी माता को गंगा स्नान के बाद धूप, दीप, सुगंधित हार व मोतियों के आभूषण, नवीन वस्त्र आदि चढ़ाए जाएँ। देवी विशालाक्षी की पूजा-उपासना से सौंदर्य और धन की प्राप्ति होती है। यहां दान, जप और यज्ञ करने पर मुक्ति प्राप्त होती है। ऐसी मान्यता है कि यदि यहां 41 मंगलवार 'कुमकुम' का प्रसाद चढ़ाया जाए तो इससे देवी मां प्रसन्न होकर भक्त की सभी मनोकामना पूर्ण कर देती हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

जानिए क्यों करवा चौथ पर मिट्टी के करवे से दिया जाता है अर्घ्य

करवा चौथ व्रत के नियम, इस दिन क्या करें और क्या नहीं

Paatal lok : भारत की इस नदी के भीतर है पाताल जाने का रास्ता

Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पूजन का संपूर्ण पाना, क्लिक करें

Karva Chauth 2024: करवा चौथ पर इन चीज़ों की खरीद मानी जाती है शुभ

सभी देखें

धर्म संसार

Shukra Gochar 2024: शुक्र के वृश्‍चिक राशि में गोचर से 3 राशियों को होगा नुकसान

जयंती विशेष : शरद पूर्णिमा पर जन्मे थे मुनि विद्यासागर जी, जानें उनके बारे में

Karwa Chauth Vrat: इन 6 महिलाओं को नहीं रखना चाहिए करवा चौथ का व्रत

शरद पूर्णिमा के दिन कभी ना करें ये काम

Aaj Ka Rashifal: 16 अक्टूबर का राशिफल, जानें आज किन राशियों को मिलेंगे लाभ के अवसर

अगला लेख
More