आमतौर पर महिलाएं लंबे बाल रखती हैं और उसकी अच्छे से देखभाल भी करती हैं। हालाकि वर्तमान में पाश्चात्य संस्कृति के प्रचलन के चलते महिलाएं छोटे और खुले बाल रखती हैं जिन्हें सप्ताह या माह में सेट करना होता है। भारतीय संस्कृति की प्रचलित मान्यता के अनुसार महिलाओं को किन परिस्थिति में बाल को कटवा सकती हैं।
1. तीर्थ में मुण्डन : बालाजी जैसे स्थान पर किसी मन्नत या संकल्प आदि के चलते केश मुंडन करवा सकती हैं। मुण्डन या बाल कटाने के बाद शुद्ध स्नान आवश्यक बताया गया है।
2. विधवा होने पर : भारत में कई जगहों पर महिलाएं जब विधवा हो जाती हैं तब उनका केश मुंडन करवाया जाता है या बालों को छोटा किया जाता है।
3. संन्यास ग्रहण पर : महिलाएं जब संन्यास ग्रहण करती हैं तब उनका केश मुंडन कराया जाता है।
4. किसी रोग में : किसी प्रकार का कोई रोग हो या बीमारी हो तो चिकित्सक की सलाह पर भी केश मुंडन कराया जा सकता है।