सोमवार के देवाता भगवान शिव और चंद्रदेव हैं। इस दिन प्रात:काल 7:30 से 9:00 बजे तक राहु काल रहता है। आओ जानते हैं कि इस दिन का क्या महत्व है और इस दिन कौनसा मंत्र जपें और पूजा कैसे करें।
सोमवार का महत्व : इस दिन चंद्र दोष को ठीक किया जा सकता है। चंद्र ग्रह हमारे मन और माता का प्रतीक है अत: इसके उपाय से शांति, सेहत और समृद्धि की प्राप्त होती है। सोमवार की प्रकृति सम है। सोमवार का दिन शिवजी और चंद्रदेव का दिन है। सोमवार के दिन उन लोगों को उपवास रखना चाहिए जिनका स्वभाव ज्यादा उग्र है। इससे उनकी उग्रता में कमी होगी।
सोमवार के मंत्र :
शिवजी का मंत्र
1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
2. ऊँ नम: शिवाय।।
चंद्रदेव का मंत्र
1. दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
2. ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।
3. ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
4. ॐ भूर्भुव: स्व: अमृतांगाय विदमहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोमो प्रचोदयात्।
सामान्य पूजा
सुबह जल्दी उठें और स्नान करके धुले कपड़े पहनकर भगवान शिव की पूजा करें। पूजा स्थान की साफ-सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव करें। शिवलिंग पर जल व दूध का अभिषक करें। इसके बाद भगवान शिव और शिवलिंग को चंदन का तिलक लगाएं। फिर सुपारी, पंचामृत, नारियल, बेल पत्र, धतूरा, फल, फूल आदि अर्पित करें। तत्पश्चात दीपक जलाएं और भगवान शिव व चंद्रदेव का ध्यान लगाएं। अंत में शिव चालीसा का पाठ करके शिवजी की आरती करें और फिर सोमवार की आरती करें।
ये कार्य करें :
1. सिर पर भस्म का तिलक लगाएं।
2. सोमवार को निवेश करना अच्छा माना गया है।
3. यदि आप सोना, चांदी या शेयर में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सोमवार को चुनें।
4. दक्षिण, पश्चिम और वायव्य दिशा में यात्रा कर सकते हैं।
5. इस दिन गृह निर्माण का शुभारंभ कर सकते हैं।
6. शपथ ग्रहण, राज्याभिषेक या नौकरी ज्वॉइन करने के लिए शुभ दिन।
7. कृषि कार्य या लेखन कार्य का शुभारंभ करना उचित है।
8. दूध और घी का क्रय-विक्रय कर सकते हैं।
9. सोमवार के दिन किसी साधना की शुरुआत करना चाहिए।
ये कार्य न करें :
1. इस दिन उत्तर, पूर्व और आग्नेय में यात्रा नहीं कर सकते।
2. किसी को सफेद वस्त्र या दूध दान में न दें।
3. इस दिन शक्कर का त्याग कर दें।
4. चन्द्रमा कष्ट दे रहा हो तो रात को दूध या पानी से भरा बर्तन सिरहाने रखकर सो जाएं और सुबह पीपल के पेड़ में डाल दें।
5. मानसिक, शारीरिक या आर्थिक कष्ट हो तो कुलदेवता की पूजा करें।