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श्राद्ध पक्ष में नहीं कर सकते हैं दान तो करें आमान्न दान

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अनिरुद्ध जोशी

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक कुल 16 दिनों तक चलता है। इस बार पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021 Start Date) 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे। पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा। आओ जानते हैं दान और आमान्न दान के बारे में।
 
दान का महत्व : श्राद्ध पक्ष में तर्पण और पिंडदान के साथ ही दान देने, पंचाबलि कर्म, ब्राह्मण भोज आदि का खास महत्व है। इस सभी में अन्न का दान किया जाता है। आओ जानते हैं कि दान और अमान्न दान क्या होता है।
 
दस प्रकार के दान : जूते-चप्पल, वस्त्र, छाता, काला‍ तिल, घी, गुड़, धान्य, नमक, चांदी-स्वर्ण और गौ-भूमि। इस दौरान दान-पुण्य का कार्य करना चाहिए। गरीबों या जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री, वस्त्र आदि दान करनी चाहिए। श्राद्ध में जो लोग भोजन कराने में अक्षम हों, वे आमान्न दान देते हैं। आमान्न दान अर्थात अन्न, घी, गुड़, नमक आदि भोजन में प्रयुक्त होने वाली वस्तुएं इच्छा‍नुसार मात्रा में दी जाती हैं।
 
आमान्न दान : श्राद्ध में जो लोग ब्रह्माण भोजन कराने में अक्षम हों या महंगे दान देने में अक्षम हों वे आमान्न दान देते हैं। आमान्न दान अर्थात अन्न, घी, गुड़, नमक आदि भोजन में प्रयुक्त होने वाली वस्तुएं इच्छा‍नुसार मात्रा में दी जाती हैं। यह भी नहीं कर सकते हो तो गाय को हरी शाक (पालक आदि) भी खिलाकर भी श्राद्ध कर सकते हैं।

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