आध्यात्मिक संत प्रेमानंद महाराज के 10 प्रेरणरदायी विचार

WD Feature Desk
शनिवार, 17 मई 2025 (14:40 IST)
Premanand Maharaj Teachings : प्रेमानंद महाराज या स्वामी प्रेमानंद जी महाराज एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक संत और विचारक हैं, जिनके विचारों में जीवन को सरल, सात्विक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाने की प्रेरणा मिलती है। उनके प्रवचनों और उपदेशों में भक्ति, संयम, सेवा और आत्मचिंतन का विशेष स्थान है।ALSO READ: पाकिस्तान में क्यों सर्च हो रहे हैं प्रेमानंद महाराज, जानिए उनके बारे में क्या जानना चाहते हैं पाकिस्तानी

यहां वेबदुनिया के प्रिय पाठकों के लिए महाराज प्रेमानंद जी के 10 प्रमुख प्रेरणारदायी विचार प्रस्तुत हैं...
 
1. भक्ति और भगवान के बारे में प्रेमानंद जी के विचार जानें, तो वे कहते हैं कि हम भगवान के अंश हैं। महाराज जी कहते हैं कि हम सब भगवान के ही अंश हैं और हमें अपनी पहचान को समझना चाहिए। हार-जीत, सुख-दुख जीवन के पहलू हैं, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि हम अविनाशी (नाशरहित) सत्ता के बच्चे हैं।
 
2. प्रेम ही संसार का आधार है। वे प्रेम को ही सबसे बड़ी शक्ति और भगवान तक पहुंचने का मार्ग बताते हैं। उनका मानना है कि सच्ची भक्ति प्रेम पर ही आधारित होती है।
 
3. भगवान जिसको बड़ा बनाना चाहते हैं, उसको कोई छोटा नहीं कर सकता। वे ईश्वर की सर्वशक्तिमत्ता में दृढ़ विश्वास रखते हैं और कहते हैं कि यदि भगवान किसी को उठाना चाहते हैं, तो सांसारिक शक्तियां उसे दबा नहीं सकतीं।
 
4. प्रभु का नाम जप संख्या से नहीं, डूब कर करो। वे नाम जप के महत्व पर जोर देते हैं, लेकिन कहते हैं कि यह केवल एक औपचारिकता नहीं होनी चाहिए, बल्कि हृदय की गहराई से किया जाना चाहिए।
 
5. स्वयं को ईश्वर को समर्पित कर दो। उनका उपदेश है कि हमें अपने जीवन को पूरी तरह से भगवान को समर्पित कर देना चाहिए, क्योंकि जो कुछ भी हमारे पास है, वह उनकी ही कृपा है।
 
6. आचरण और जीवन के बारे में प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि सत्य की राह पर चलने से निंदा और बुराई अवश्य होती है, इससे घबराना नहीं चाहिए। वे सत्य के मार्ग पर दृढ़ रहने और आलोचनाओं से विचलित न होने की शिक्षा देते हैं।
 
7. जीवन की वास्तविक सफलता सेवा में निहित है। उनका मानना है कि दूसरों की निस्वार्थ सेवा करना ही जीवन की सच्ची सफलता है।
 
8. भौतिक सुख-सुविधाओं के स्थान पर सादगी और सच्चाई को महत्व दें। वे सरल जीवन जीने और दिखावे से दूर रहने का उपदेश देते हैं।
 
9. नियमित रूप से ध्यान और प्रार्थना करें। वे आध्यात्मिक अभ्यास को दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने पर जोर देते हैं।
 
10. अहिंसा केवल एक आदर्श नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। वे सभी जीवों के प्रति करुणा और अहिंसक व्यवहार की प्रेरणा देते हैं।
 
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