- अथर्व पंवार
हमें इस बात से गौरवान्वित होना चाहिए की विश्व के प्रथम पत्रकार हमारी संस्कृति में थे। देवर्षि नारद को प्रथम संप्रेषक (communicator ) माना जाता है। नारद जयंती के पावन अवसर पर कई पत्रकारिता अध्ययनशालाओं में, पत्रकारों के द्वारा और जनसंचार विभागों में इस महान संप्रेषक का पूजन होता है और अनेक कार्यक्रम होते हैं।
जानते हैं महर्षि नारद के गुण एक पत्रकार के रूप में -
1.पत्रकार का कर्त्तव्य होता है दो लोगों के बीच संवाद बनाना और दो विचारों के बीच मध्यस्ता कराना। नारद ऋषि भी यही कार्य करते थे। वे देवताओं और असुरों में संवाद बनाने का कार्य करते थे।
2.जिस प्रकार एक पत्रकार के माध्यम से हम समाचारों से अवगत होते हैं, उसी प्रकार समस्त भगवान्, देवता, ऋषि-मुनियों के साथ-साथ समस्त संसार उनसे सूचनाएं प्राप्त करता था।
3.पत्रकार का एक और कर्तव्य होता है ज्ञान का प्रचार प्रसार करना। नारद जी को भी वेदों के ज्ञान का प्रचार प्रसार करने के कारण वेदों के संदेशवाहक के रूप में जाना जाता है।
4.पत्रकार शिक्षा देने जैसा श्रेष्ठ कार्य करने के लिए भी जाना जाता है, अपनी शिक्षा से राष्ट्र और धर्म का उद्धार करना इनका कर्त्तव्य है। वह अच्छा गुरु भी होता है। महाभारत के रचियता महर्षि व्यास और रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि दोनों का गुरु महर्षि नारद को माना गया है।
5.पत्रकार एक सलाहकार (consultant ) के रूप में भी कार्यरत होता है। महर्षि नारद भी इंद्र, विष्णु, शिव इत्यादि भगवानों के सलाहकार के रूप में जाने जाते हैं।