Mangal dev Neem Puja Vidhi: मंगल ग्रह की दिशा दक्षिण मानी गई है। ज्योतिष में नीम के पेड़ को मंगल माना गया है। लाला किताब के अनुसार नीम का पेड़ मंगल की स्थिति तय करता है कि मंगल शुभ असर देगा या नहीं। यदि दक्षिण का द्वार है या मंगल खराब है तो दक्षिण दिशा में नीम का पेड़ लगाना चाहिए। इसी के साथ नीम के पेड़ को मंगल देव और हनुमानजी मानकर उसकी पूजा करना चाहिए।
1. नीम का पेड़ साक्षात मंगल देव है। इसकी पूजा करने से मंगल दोष दूर होता है और मंगलदेव एवं हनुमानजी की कृपा प्राप्त होगी।
2. मंगलवार को नीम के पेड़ में शाम को जल चढ़ाएं और चमेली के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा कम से कम 11 मंगलवार करें।
3. नीम में जल अर्पण करने के साथ ही फूल और मिठाई भी अर्पण करें।
4. घर के पास नीम का पेड़ लगाने और नित्य इसमें जल अर्पित करने से मंगल ग्रह के सभी दोष दूर हो जाते हैं।
5. इस पेड़ की सेवा करने से आपके जीवन में कभी भी अमंगल नहीं होगा और मंगलदोष दूर हो जाएगा।
6. नीम की पूजा करने और इसकी दातून करने से शनिदोष भी समाप्त हो जाता है।
5. ज्योतिष में कहीं कहीं नीम का संबंध शनि और कहीं कहीं केतु से भी जोड़ा गया है। इसलिए दोनों ही ग्रहों की शांति हेतु उचित दिशा में नीम का पेड़ लगाया जा सकता है।
6. नीम की लकड़ी से हवन करने से शनि की शांति होती है। इसके पत्तों को जल में डालकर स्नान करने से केतु संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। नीम की लड़की की माला धारण करने से शनि की पीड़ा समाप्त हो जाती है।
7. यदि आपका जन्म उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है या आपकी राशि मकर या कुंभ राशि है तो नीम का पेड़ लगाना बहुत ही शुभफलदायी होगा।