Kartik maas Start : कार्तिक मास चल रहा है, इस माह में कैसे करें पवित्र नदी में स्नान, जानिए नियम और महत्व

Webdunia
सोमवार, 25 अक्टूबर 2021 (05:25 IST)
21 अक्टूबर 2021 से कार्तिक माह का प्रारंभ हो रहा है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार कार्तिक माह में व्रत, स्नान और दान का बहुत ही ज्यादा महत्व है। इससे पाप का नाश होकर सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस माह में पवित्र नदी या जलाशयों में स्नान करने के महत्व दोगुना बढ़ जाता है। आओ जानते हैं कि पवित्र नदी में किसी तरह करें स्नान की मिले दोगुना फल।
 
 
रोगापहं पातकनाशकृत्परं सद्बुद्धिदं पुत्रधनादिसाधकम्।
मुक्तेर्निदांन नहि कार्तिकव्रताद् विष्णुप्रियादन्यदिहास्ति भूतले।।-(स्कंदपुराण. वै. का. मा. 5/34)...
अर्थात- कार्तिक मास आरोग्य प्रदान करने वाला, रोगविनाशक, सद्बुद्धि प्रदान करने वाला तथा मां लक्ष्मी की साधना के लिए सर्वोत्तम है।
 
- कार्तिक स्नान के लिए तीर्थराज प्रयाग, अयोध्या, कुरुक्षेत्र और काशी को सर्व श्रेष्ठ स्थान माना गया है। प्राचीन काल में कुरक्षेत्र में सरस्वती का बहाव धा।
 
- इनके साथ ही सभी पवित्र नदियों और तीर्थस्थलों पर भी स्नान शुभ माना है। अगर आप इन स्थानों पर नहीं जा सकते, तो इन स्थान और यहां बहने वाली नदियों का स्मरण करने से भी लाभ होता है। इसके लिए एक श्लोक भी प्रचलित है-
 
'गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति।
नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् संनिधिं कुरु।।
 
स्नान करते समय- 
आपस्त्वमसि देवेश ज्योतिषां पतिरेव च। 
पापं नाशाय मे देव वामन: कर्मभि: कृतम। यह बोल कर जल की ओर
दु:खदरिद्रयनाषाय श्रीविश्णोस्तोशणाय च। 
प्रात:स्नान करोम्यद्य माघे पापविनाषनम।। कहकर ईश्वर की स्तुति करनी चाहिए। 
 
स्नान जब समाप्त हो जाए तो इस मंत्र का उत्चारण करें..
सवित्रे प्रसवित्रे च परं धाम जले मम। 
त्वत्तेजसा परिभ्रश्टं पापं यातु सहस्त्रधा।।

कार्तिक माह का महत्व : 
- इस मास में श्री हरि जल में ही निवास करते हैं।
 
- कार्तिक माह में गंगा स्नान, दान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप का नाश होता है और व्यक्ति को मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है। 
 
- इस दिन व्रत का भी बहुत ही महत्व है। इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण, चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है। 
 
- कार्तिकी पूर्णिमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Shraddha Paksha 2024: पितृ पक्ष में यदि अनुचित जगह पर श्राद्ध कर्म किया तो उसका नहीं मिलेगा फल

गुजरात के 10 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जाना न भूलें

Sukra Gochar : शुक्र का तुला राशि में गोचर, 4 राशियों के जीवन में बढ़ जाएंगी सुख-सुविधाएं

Vastu Tips for Balcony: वास्तु के अनुसार कैसे सजाएं आप अपनी बालकनी

सितंबर 2024 : यह महीना क्या लाया है 12 राशियों के लिए, जानें Monthly Rashifal

सभी देखें

धर्म संसार

20 सितंबर : श्रीराम शर्मा आचार्य का जन्मदिन आज, जानें उनका जीवन और 25 बहुमूल्य कथन

Aaj Ka Rashifal: 20 सितंबर 2024, कैसा बीतेगा आज आपका दिन, पढ़ें अपना दैनिक राशिफल

Shardiya navratri 2024: शारदीय नवरात्रि प्रतिपदा के दिन जानिए घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

20 सितंबर 2024 : आपका जन्मदिन

20 सितंबर 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख
More