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गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर ने आंध्रप्रदेश में नशामुक्ति के सबसे बड़ा युवा सम्मेलन को किया संबोधित

गुरुदेव ने 100 महाविद्यालयों के 50,000 युवाओं को नशा ना करने की शपथ लेने के लिए सबसे बड़ा युवा सम्मेलन में संबोधित किया

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WD Feature Desk

Art Of Living
  • वाईजैग में गुरुदेव का भव्य स्वागत
  • 'आपका जीवन बहुत अनमोल है' गुरुदेव ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा।
30 जनवरी, विशाखापट्टनम : मंगलवार की एक जीवंत और उत्साहपूर्ण शाम को राज्य भर के 102 कॉलेजों में रिकॉर्ड 50,000 युवा, प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और मानवतावादी, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर जी के साथ 'एडूयूथ' सम्मेलन में भाग लेने के लिए गीतम विश्वविद्यालय में एकत्रित हुए।
 
एडूयूथ सम्मेलन :  गीतम (जी.आई.टी.ए.एम) यूनिवर्सिटी और आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित, नशीले पदार्थों का सेवन ना करने की प्रतिज्ञा लेने वाली युवाओं की सबसे बड़ी सभाओं में से एक था।
 
'हमें स्वयं को यह याद दिलाने की आवश्यकता है कि यह दुनिया हमारी है,' गुरुदेव ने हजारों युवाओं की उत्साहित सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं युवाओं को, अभी से दुनिया का बीड़ा उठाने के लिए प्रोत्साहित करूंगा। आप हमारे ग्रह का भविष्य हैं। इसमें कुछ अड़चनें हैं- एक है नशीले पदार्थों का सेवन और दूसरा है तनाव।

यदि आप इन दो बाधाओं पर नियत्रण पा सकें तो आपके उज्ज्वल भविष्य की राह बहुत आसान हो जाएगी। तब आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं; चाहे वह पर्यावरण हो या फिर अर्थव्यवस्था की देखभाल करना हो, आप पूरे ग्रह का उत्थान कर सकते हैं।'
 
कार्यक्रम में नारायण समूह के अध्यक्ष डॉ. सिंधुरा नारायण; जी.आई.टी.ए.एम विश्वविद्यालय के निदेशक बी गीतांजलि; जी.आई.टी.ए.एम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर डी गुणशेखर भी उपस्थित रहे।
 
गुरुदेव ने सभी युवाओं को शपथ दिलाते हुए कहा, 'आज हम नशे को ना कहने की शपथ लेने जा रहे हैं ! न करेंगे न करने देंगे।'
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एक आदर्श परिसर के विषय में बात करते हुए, गुरुदेव ने कहा, 'यह वह संसार है जहां हर कोई प्रसन्न है, निस्संदेह यहां कोई नशा नहीं है, और न ही कोई तनाव है। हिंसामुक्त समाज, रोगमुक्त शरीर, भ्रममुक्त बुद्धि, आघातमुक्त स्मृति हर किसी का जन्मसिद्ध अधिकार है।

और एक खुशहाल परिसर वह है जहां समूहवाद नहीं होता; कमजोर छात्र बुद्धिमान छात्रों के साथ बैठते हैं। बुद्धिमान छात्रों को कम से कम एक या दो कमजोर छात्रों के साथ रहना चाहिए और उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने में सहायता करनी चाहिए। ऐसा करके हम वास्तव में "संगच्छद्वम्' के प्राचीन आदर्श के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
 
गुरुदेव ने युवाओं से यह भी कहा, 'यदि आप किसी दुखी व्यक्ति को देखें तो उनके पास से ऐसे ही न निकल जाएं। उनसे बात करें और उनसे पूछें कि वे कैसे हैं; उनसे पूछें 'क्या आपके साथ सब कुछ ठीक है, मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं?' गुरुदेव ने आगे कहा, 'आप महत्वपूर्ण हैं। आपका जीवन अनमोल है। यदि आप अपने लिए जीवित रहकर खुश नहीं हैं तो याद रखें आप यहां इस ग्रह  के लिए आये हैं और हमें आपकी आवश्यकता है।'
 
इस कार्यक्रम में प्रमुख रॉक बैंड जैमर्स ने भी प्रदर्शन किया।
 
'यह अभूतपूर्व है,' आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम के निदेशक, विराट चिरानिया ने कहा, 'गुरुदेव हमारे समय के एक ऐसे आध्यात्मिक व्यक्तिव हैं, जिन्होंने लाखों युवाओं को मुस्कुराहट के साथ जीवन जीने  के लिए प्रेरित किया है। हमें यह साझा करते हुए हर्ष हो रहा है कि आंध्र प्रदेश में युवाओं की यह अब तक की सबसे बड़ी सभा है  जहां इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने नशामुक्त भारत का संकल्प लिया; यह कार्यक्रम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी सम्मिलित किया जा रहा है ।'

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