शैलेंद्र तिवारी की नई किताब 'लंका रावण की नगरी' लांच

Webdunia
बुधवार, 1 जुलाई 2020 (18:46 IST)
*राम, रावण और रामायण से जुड़ी घटनाओं को बनाया हिस्सा।
*उन घटनाओं पर व्यापक तरीके से बात की, जो कम लोगों को मालूम हैं।
 
भोपाल। राम, रावण और रामायण को केंद्रित कर लिखी गई किताब 'लंका रावण की नगरी' लांच हो गई है। इस किताब में राम और रावण के बीच चले युद्ध को करीब से देखने की कोशिश की गई है। इसमें बताने का प्रयास किया गया है कि युद्ध के दौरान लंका से लेकर अयोध्या के बीच में क्या हो रहा था। किताब में कई चौंकाने वाली बातों पर भी प्रकाश डाला गया है। 
 
लंका रावण की नगरी किताब के लेखक शैलेंद्र तिवारी के मुताबिक, किताब में युद्ध को करीब से बताने का प्रयास किया है कि आखिर राम और रावण के बीच का यह युद्ध कितने दिन चला और इस बीच में क्या घटनाएं हुईं? आखिर क्यों सीता लंका के भीतर राम पर क्रोधित हो गईं? क्यों राम ने सीता को विभीषण के साथ रहने के लिए बोल दिया? यह वह सभी घटनाएं हैं, जो रामायण में कहीं न कहीं लिखी हुई हैं लेकिन उन पर विस्तार से बात नहीं हुई है। जैसे कैकेयी को हमेशा एक नकारात्मक छवि में ही देखा जाता है, लेकिन मैंने उस घटना के सभी संदर्भों को तलाशकर दावा किया है कि कैकेयी ने राम को वनवास भेजकर अल्पायु होने से बचाया था। भरत को राजगद्धी देने के पीछे खुद राम थे, क्योंकि वह अपने पिता का एक वचन पूरा करना चाहते थे। 
 
दरअसल, 'लंका रावण की नगरी' किताब 'रावण एक अपराजित योद्धा' का अगला भाग है, जिसमें लेखक ने दावा किया था कि रावण ने राम के पैदा होने से 32 पीढ़ी पहले अयोध्या पर विजयपताका फहराई थी। जहां उसे मृत्यु का श्राप मिला था। ठीक उसी तरह से यह भी बताया कि सीता कभी लंका नहीं गईं, सीता के रूप में लंका कौन गया और उसका राम और रावण से क्या रिश्ता था।
 
शैलेंद्र कहते हैं, दोनों किताबें रामायण को एक अलग अंदाज में बताने की कोशिश करती हैं। वह घटनाएं जिन्हें बाबा तुलसीदास और बाबा बाल्मीकि से लेकर बाबा कम्बन ने विस्तार से बताने के बजाय सिर्फ इशारों में कहकर आगे बढ़ गए, उन्हें विस्तार देने की कोशिश की है। समझाने का प्रयास किया है कि राम और रावण होने का मतलब क्या है? रावण के जीवन की वो घटनाएं जो सामान्य तौर पर किसी को मालूम नहीं हैं, उन्हें बताने की कोशिश की है। 
 
शैलेंद्र तिवारी कहते हैं कि इस किरदार के सहारे मेरी कोशिश थी कि मैं रामायण, राम और रावण को नई पीढ़ी को करीब से दिखाने का प्रयास करूं। आज लिखने के लिए किस्से, कहानियां और कुछ भी लिखा जा सकता है, लेकिन बेहतर है कि हम अपनी नई पीढ़ी को नई दिशा दिखाएं। महाशक्तिशाली योद्धा रावण ने भी अपने जीवन में प्रेम विवाह किया, अवसाद को देखा, परिवार में धोखा खाया...बावजूद इसके वह फिर से मजबूत होकर खड़ा हुआ। यही जीवन है और इसी को समझने की जरूरत है। राम को समझने के लिए रावण को समझना जरूरी है। राम और रावण को लेकर उठते कई सवालों का जवाब इस किताब में देने की कोशिश की है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

आंवला नवमी कब है, क्या करते हैं इस दिन? महत्व और पूजा का मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी न करें ये 11 काम, वरना पछ्ताएंगे

सभी देखें

धर्म संसार

MahaKumbh : प्रयागराज महाकुंभ में तैनात किए जाएंगे 10000 सफाईकर्मी

10 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

10 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह के दिन आजमा सकते हैं ये 12 अचूक उपाय

Dev uthani gyaras 2024 date: देवउठनी देवोत्थान एकादशी व्रत और पूजा विधि

अगला लेख
More