भारत में होने वाली भव्य शादियाँ । रीति-रिवाज़-पूजा । सब कुछ खुशियों से भरा । एना के फेरे ख़त्म ही हुए थे और परंपरा के अनुसार दूध के कटोरे से अंगूठी ढूँढने की रस्म होने वाली थी । दूल्हा और दुल्हन में से जो भी ज्यादा बार अंगूठी ढूंढेगा, घर में उसी का राज चलेगा । साथ ही, वह अंगूठी भी उसी की हो जाएगी । अंगूठी सोने की, काफी बड़ी और लाल मोती वाली थी। सब एना और आदि को घेर कर बैठे थे ।
तभी एक महिला रिश्तेदार ने एना के कान में बोला...
एना, हो सकता है अंगूठी तुम्हें मिल जाए, लेकिन चुपके से आदि को दे देना। अच्छा नहीं लगता, सब देख रहे हैं। मर्द का ही घर में राज चलता है, चलने दो।
हालाँकि दूसरी बार भी एना ने ही अंगूठी निकाल ली। और तीसरी बार भी अंगूठी एना के ही हाथ आ गई, लेकिन एना ने देखा कि शायद आदि के परिवार के लोग इससे खुश नहीं होंगे तो उसने कटोरे के अन्दर डूबे हुए हाथों में ही आदि को अंगूठी पकड़ा दी।
खैर, चूँकि तीन में से दो बार एना ने अंगूठी खोजी थी, अंगूठी तो एना की होने वाली थी। एना को अंगूठी दी गई, लेकिन वह उसकी उँगलियों के हिसाब से काफी बड़ी थी। उसने अंगूठे में पहनी।
अरे वाह, एना ! ये तो तुम्हारे अंगूठे में भी स्मार्ट लग रही है।
हाँ, आजकल तो अंगूठे में रिंग पहनने का फैशन है एना!
इतने में एक महिला रिश्तेदार ने एना के अंगूठे से रिंग निकाल ली ।
एना, तुम्हारे हिसाब से ये बहुत बड़ी है। तुम ये आदि को ही दे दो। तुम नासमझ हो, संभाल नहीं पाओगी और गुम कर दोगी पुश्तैनी अंगूठी।
खैर, एना को फर्क नहीं पड़ा और उसने अंगूठी दे दी।
अगले दिन एना और आदि का गृह प्रवेश हुआ और वे घर के सदस्यों के साथ बैठे थे।
आदि बेटा, ये अंगूठी तुम रख लो । एना नहीं संभाल पायेगी । समझदार नहीं है, गुम कर देगी ।
नहीं, आप यहीं रख लीजिये अंगूठी। वैसे भी हम अभी भोपाल शिफ्ट हो जाएँगे तो वहां जितने कम गहने हों, उतना अच्छा... क्योंकि हम अकेले रहेंगे और ऑफिस में रहेंगे सारा दिन । वैसे भी शिफ्टिंग के साथ-साथ घर का बहुत काम रहेगा वहां।
तुम उसकी चिंता मत करो । एना को कहना ऑफिस से छुट्टी ले और तब तक न जाए जब तक घर न ठीक तरह से जम जाए। तुम बस तुम्हारी नौकरी पर ध्यान देना । बाकि सब वो कर ही लेगी । बहुत समझदार है वो, सब संभाल लेगी वहां ।
एना सोचती रही कि कल तक तो वह एक अंगूठी संभालने जितनी भी समझदार नहीं थी, लेकिन आज अचानक से समझदार की उपाधि कैसे मिल गयी उसे? दोगले लोगों के कुतर्कों से परेशान होने से ज्यादा समझदारी चुप रह कर अपने मन की शांति बनाए रखने में ही है… उसने अपने घर की चाबी संभालते हुए सोचा…