जम्मू-कश्मीर सर्विसेस सिलेक्शन बोर्ड के केंडिडेट्स विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के जरिए कहा कि ब्लॉक लिस्ट की गई Aptech कंपनी को Jammu Kashmir Services Selection Board (JKSSB) की परीक्षा आयोजित करने का जिम्मा नहीं दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के शिक्षित और कौशल युवा के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कंपनी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दंडित किया जा चुका है एवं देश के कई राज्यों जैसे हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में ब्लॉक लिस्ट भी किया गया है।
मुंबई बेस्ड Aptech कंपनी भारत की वोकेश्नल ट्रेनिंग सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कंपनी का पब्लिक एक्जाम्स के प्रति रवैया ठीक नहीं रहा है। कंपनी का अयोग्य और असुरक्षित तरीके से एक्जामिनेशन प्रक्रिया आयोजित करने का रिकॉर्ड रहा है।
कंपनी पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित कर पाने में असफल रही है। छात्रों ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का प्रशासन दूसरे राज्यों में ब्लॉक लिस्ट की गई Aptech को परीक्षा का आयोजन करने का जिम्मा देकर हजारों बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल रहा है।
The Azad Democratic Progressive Party (DPAP) के चीफ प्रवक्ता Salman Nizami ने अपना असंतोष जताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले ही बेरोजगारी बढ़ी हुई है, ऐसे में प्रशासन को अपने लिए गए निर्णय पर एक बार फिर विचार करना चाहिए और स्थानीय युवा के भविष्य को ध्यान में रखते हुए दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पहले ही हायरिंग प्रक्रिया को संदेहों और शिकायतों के चलते स्थगित कर चुकी है। ट्विटर पर यह मुद्दा #AptechBlacklisted #JKSSBWakeup के हैशटैग के जरिए गर्मा रहा है। फोटो सौजन्य : टि्वटर