Maratha Reservation Movement : महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की आंच तेज, CM शिंदे ने उठाया बड़ा कदम

Webdunia
मंगलवार, 31 अक्टूबर 2023 (17:20 IST)
महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर हिंसा की घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे से फोन पर बात की और आज होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान मराठा समुदाय को कुनबी जाति का प्रमाण-पत्र देने पर ठोस फैसला लेने का आश्वासन दिया। 
ALSO READ: कौन हैं मनोज जरांगे पाटिल, क्यों हिंसक हो रहा है मराठा आरक्षण आंदोलन
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री शिंदे के साथ ‘‘संतोषजनक’’ बातचीत के बाद जरांगे ने अपने प्रदर्शन के दौरान पानी पीना शुरू कर दिया है।
 
कुछ स्थानों पर आंदोलनकारियों ने कुछ नेताओं के आवास में तोड़फोड़ तथा आगजनी की। हिंसा की घटनाओं के बाद महाराष्ट्र के धाराशिव जिले में कर्फ्यू भी लगाया गया है। 
 
अधूरा आरक्षण स्वीकार नहीं : सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को कहा कि मराठा समुदाय ‘‘अधूरा आरक्षण’’ स्वीकार नहीं करेगा और महाराष्ट्र सरकार को इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए।
जरांगे आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनसे फोन पर बात की और आश्वस्त किया कि मंगलवार को दिन में कैबिनेट की बैठक में मराठा समुदाय को कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिए जाने के बारे में फैसला किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने जालना जिले में अपने गांव अंतरवाली सराटी में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
 
जरांगे ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात की है... मैंने एक बार फिर अपना रुख स्पष्ट किया है कि मराठों के लिए अधूरा आरक्षण स्वीकार्य नहीं होगा। सरकार को समूचे राज्य में मराठाओं के लिए आरक्षण की घोषणा करनी चाहिए । हम (समूचे राज्य के मराठा) भाई हैं और हमारा खून का नाता है। उन्होंने कहा कि समुदाय के केवल कुछ वर्ग को आरक्षण स्वीकार्य नहीं होगा।
 
उन्होंने कहा कि ‘60-65 प्रतिशत मराठा पहले से ही आरक्षण के दायरे में हैं। सरकार को इसे बढ़ाकर राज्य में शेष मराठाओं को भी इसमें शामिल करना चाहिए। इसके लिए सरकार को विशेष सत्र बुलाना चाहिए, विधेयक पारित करना चाहिए, इस उद्देश्य के लिए नियुक्त समिति की पहली रिपोर्ट को स्वीकार करना चाहिए और उन्हें (कुनबी) प्रमाणपत्र देना चाहिए।
 
जरांगे ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दिन के दौरान मराठा समुदाय से बुद्धिजीवियों की एक बैठक अंतरवाली सराटी में होगी।
 
राज्य के कुछ हिस्सों में आरक्षण की मांग को लेकर हिंसा की घटनाओं के बीच उन्होंने दावा किया कि मराठा कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि मैंने मराठा समुदाय की इच्छानुसार पानी पीना शुरू कर दिया है। समुदाय अब शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहा है। हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं। हमारे दो कार्यक्रम, अनशन और गावों में राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध जारी रहेंगे।
 
आरक्षण की मांग को लेकर कुछ जन प्रतिनिधियों के कथित रूप से अपना इस्तीफा दिए जाने की खबर पर जरांगे ने कहा कि मैंने उन्हें इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा है। अगर वे चाहते हैं तो वे कर सकते हैं लेकिन इसका समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। विधायक, सांसद और पूर्व विधायक एवं सांसद जैसे जन प्रतिनिधियों को एक समूह बनाना चाहिए और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को इस वक्त बंद के आह्वान के बारे में नहीं सोचना चाहिए और सरकार को सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का संचालन जारी रखना चाहिए।
 
इससे पूर्व मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, सुबह शिंदे के साथ ‘संतोषजनक’ चर्चा के बाद जरांगे ने पानी पीना शुरू कर दिया है। जरांगे ने 25 अक्टूबर को दूसरी बार अनशन की शुरुआत की थी।
 
इससे पूर्व उन्होंने पिछले महीने अनशन किया था लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद उन्होंने अपना अनशन समाप्त कर दिया था। सरकार ने कहा था कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठाओं को उस दौरान के जरूरी दस्तावेज दिखाने पर कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जब यह क्षेत्र निजाम के राज्य का हिस्सा था।

7 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज : मराठा आरक्षण को लेकर प्रदर्शन के दौरान महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में भाजपा विधायक प्रशांत बांब के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के आरोप में पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
 
लाठी-डंडों से लैस कुछ मराठा आरक्षण समर्थकों ने सोमवार को यहां गंगापुर इलाके में बांब के कार्यालय में तोड़फोड़ की।
 
उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक के कार्यालय के अंदर खिड़की के शीशे और फर्नीचर को क्षतिग्रस्त कर दिया।
 
खबरों के मुताबिक सात ज्ञात आरोपियों और 10-15 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 452 (चोट पहुंचाने, हमला करने या गलत तरीके से रोकने के इरादे से जबरन घुसने), 427 (नुकसान पहुंचाने), 120 बी (आपराधिक साजिश), 143 और 144 (गैरकानूनी जमावड़ा) के तहत मामला दर्ज किया गया है। एजेंसियां

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

tirupati laddu पर छिड़ी सियासी जंग, पशु चर्बी के दावे पर तेदेपा-वाईएसआरसीपी आमने-सामने

Kolkata Doctor Case : जूनियर डॉक्‍टरों ने खत्‍म की हड़ताल, 41 दिन बाद लौटेंगे काम पर

कटरा चुनावी रैली में कांग्रेस-नेकां पर गरजे PM मोदी, बोले- खून बहाने के पाकिस्तानी एजेंडे को लागू करना चाहता है यह गठबंधन

Mangaluru : 2 सिर और 4 आंख वाला दुर्लभ बछड़ा पैदा हुआ, देखने के लिए उमड़ा हुजूम

वन नेशन वन इलेक्शन में दक्षिण भारत पर भारी पड़ेगा उत्तर भारत?

सभी देखें

नवीनतम

गृहमंत्री अमित शाह ने बताई नक्सलवाद को खत्म करने की डेडलाइन

Bengal Flood : ममता बनर्जी ने बाढ़ को बताया साजिश, PM मोदी को लिखा पत्र, दी यह चेतावनी

Tirupati Laddu Controversy : जेपी नड्डा ने CM चंद्रबाबू से मांगी रिपोर्ट, बोले- जांच के बाद होगी उचित कार्रवाई

इस बार कश्मीर के चुनाव मैदान में हैं 25 पूर्व आतंकी, अलगाववादी और जमायते इस्लामी के सदस्य

300 साल पुरानी भोग प्रथा, 2014 में मिला GI टैग, अब प्रसाद में पशु चर्बी, क्‍या है Tirupati Controversy?

अगला लेख
More