वड़ोदरा। पारूल विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एंड मॉस कम्युनिकेशन की ओर से विगत दिनों अंडर स्टेंडिंग द मीडिया लैंड स्केप पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार के मुख्य अतिथि एवं मीडिया वेटरन एंड एडिटर एंड चीफ, द कनेक्ट सीरीज, मुम्बई ने कहा कि मीडिया का कार्य हमेशा से डेमोक्रेसी से जुड़ा हुआ है। मीडिया ने लोकतंत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि चीन एवं रूस में सरकारी नियंत्रण होने से मीडिया भी सरकारी नियंत्रण में रहा है। इसलिए आम जनता अपनी आवाज ठीक तरीके से नहीं उठा पाती है। समय-समय पर मीडिया के माध्यम से आलोचनाएं भी डेमोक्रेसी एवं राजनेताओं के संबंध में होती रही हैं।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया वर्तमान में बिग बॉस है। प्रधानमंत्री से लेकर छोटे-से छोटा नेता भी सोशल मीडिया पर अपनी बात कहने के लिए सोशल मीडिया पर निर्भर हैं। मीडिया लोकतंत्र के चार स्तभों में से एक है। भारत में स्वतंत्रता के समय फ्री मीडिया ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कुमार ने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लगाई गई इमरजेंसी के बारे में भी चर्चा की। इमरजेंसी के दौरान मीडिया पर लगे प्रतिबंध के बारे में बताया कि उस समय मीडिया के सामने यह चुनौती थी कि क्या लिखे एवं क्या नहीं लिखे।
उन्होंने हाल ही में ट्रंप चुनाव को लेकर अमेरिकन मीडिया की ओर से खुले रूप से आलोचनात्मक प्रकाशन एवं प्रसारण की सराहना की एवं अमेरिकी मीडिया को बतौर रोल मॉडल अपनाने पर बल भी दिया। स्वागत भाषण एवं आभार प्रदर्शन प्रो. रमेश रावत ने किया। असिस्टेंट प्रोफेसर अचलेंद्र कटियार ने कुमार का परिचय दिया। स्टूडेंट मॉडरेटर के रूप में डोना भट्ट एवं गायत्री पाठक ने प्रश्न भी पूछे।