भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के विसलब्लोअर डॉ. आनंद राय ने कहा कि इस मामले के असली संरक्षक अब भी जांच एजेंसी के शिकंजे से बाहर हैं।
राय ने आज यहां बताया कि इस घोटाले के असली संरक्षक अभी भी सीबीआई के शिकंजे से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ आशा की किरण दिख रही है कि कुछ प्रभावशाली लोगों के नाम आरोपपत्र में हैं।
राय ने बताया कि मैं पूरे 592 आरोपियों की अग्रिम जमानत के खिलाफ याचिका तो नहीं लगा सकता। इसलिए मैंने चार लोगों के खिलाफ सांकेतिक रूप से अग्रिम जमानत की आपत्ति लगायी है, जिनमें पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के प्रमोटर एस एन विजयवर्गीय, चिरायु मेडिकल कॉलेज के प्रमोटर डॉ. अजय गोयनका, मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के तत्कालीन संयुक्त निदेशक एन एम श्रीवास्तव एवं पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के एक अधिकारी शामिल हैं।
इसी बीच मध्यप्रदेश कांगेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने सीबीआई पर हमला करते हुए कहा कि उसके द्वारा आज 592 आरोपियों के खिलाफ पेश आरोप-पत्र में इन चिकित्सा माफियाओं के पोषक शामिल क्यों नहीं हैं, जिनके संरक्षण में ‘महाभ्रष्टाचार’ का खेल रचा गया।
सीबीआई के अनुसार भोपाल के तीन निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रमोटर एल एन मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष जे एन चौकसे, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के एस एन विजयवर्गीय, चिरायु मेडिकल कॉलेज के अजय गोयनका और इंदौर स्थित इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के सुरेश सिंह भदौरिया समेत अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। इस बारे में पीटीआई-भाषा के संपर्क करने पर आरोपी प्रमोटरों ने कोई टिप्पणी नहीं की। सीबीआई के आरोप पत्र में व्यापमं के तत्कालीन निदेशक पंकज त्रिवेदी समेत व्यापमं के चार पूर्व अधिकारियों को नामजद किया गया है। (भाषा)