लखनऊ/ठाणे। उत्तरप्रदेश सरकार ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे प्रकरण की जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग गठित करने का निर्णय किया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल के नेतृत्व में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया है। आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा।
उन्होंने बताया कि आयोग विकास दुबे तथा उसके सहयोगियों द्वारा 2-3 जुलाई 2020 की रात्रि में की गई घटना की गहनतापूर्वक जांच करेगा।
प्रवक्ता ने बताया कि आयोग 10 जुलाई 2020 को पुलिस एवं विकास दुबे के बीच हुई मुठभेड़ की गहनतापूर्वक जांच करेगा। साथ ही 2-3 जुलाई 2020 और 10 जुलाई 2020 के मध्य पुलिस और इस प्रकरण से संबंधित अपराधियों की बीच हुई प्रत्येक मुठभेड़ की गहनतापूर्वक जांच करेगा।
प्रवक्ता के अनुसार यह आयोग अधिसूचना जारी किए जाने की तारीख से दो माह की अवधि के भीतर अपनी जांच पूर्ण कर लेगा।
उल्लेखनीय है कि कानपुर नगर में घटित घटना के संबंध में शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त प्रकरण की जांच विशेष अनुसंधान दल से कराने का शनिवार को निर्णय लिया गया था।
अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया था कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
अवस्थी ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है।
उन्होंने बताया कि विशेष अनुसंधान दल प्रकरण से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं और प्रकरण की गहन जांच सुनिश्चित करते हुए 31 जुलाई, 2020 तक जांच रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगा।
विकास दुबे के सहयोगियों को 14 दिन की हिरासत : ठाणे की एक अदालत ने विकास दुबे के दो सहयोगियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
दुबे के दो सहयोगियों अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी (45) और उसके चालक सुशील कुमार उर्फ सोनू तिवारी (30) को शनिवार को महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने ठाणे के धोकली क्षेत्र से पकड़ा था।
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट आरएच झा ने शनिवार को इन दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोरोनावायरस की एहतियातन जांच कराए जाने के बाद दोनों को तलोजा जेल भेजा गया। (भाषा)