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फटी जीन्स के बाद उत्तराखंड के CM तीरथसिंह रावत का नया ज्ञान, बोले- भारत को अमेरिका ने 200 वर्षों तक बनाया गुलाम

हमें फॉलो करें फटी जीन्स के बाद उत्तराखंड के CM तीरथसिंह रावत का नया ज्ञान, बोले- भारत को अमेरिका ने 200 वर्षों तक बनाया गुलाम

निष्ठा पांडे

, रविवार, 21 मार्च 2021 (20:10 IST)
देहरादून। तीरथसिंह रावत को मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की बागडोर संभाले अभी सिर्फ 10 दिन हुए हैं। इन 10 दिनों में वे अपने विवादित बयानों से राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बंटोर रहे हैं। आज विश्व वानिकी दिवस पर उन्होंने रामनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में एक और विवादित बयान दे डाला।
 
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि लॉकडाउन के समय हमने 2 बच्चे वालों को 10 किलो राशन दिया, वहीं 20 बच्चे वालों को एक क्विंटल राशन दिया गया। कुछ लोगों ने उस राशन को बेचकर भी उस समय अपना घर चलाया, लेकिन कुछ लोग 20 बच्चे वालों से जलन भी करने लगे कि 20 बच्चे वालों को एक क्विंटल राशन क्यों मिला?

उन्होंने कहा कि यह तो आप लोगों को सोचना चाहिए था कि जब 2 बच्चे पैदा करें तो उनके पास भी मौका था वे 20 बच्चे पैदा कर सकते थे, यह उनकी कमी है, अब जलने से क्या होगा। मुख्यमंत्री गुलाम भारत के इतिहास पर भी एक तथ्यात्मक गलती कर गए। उन्होंने कहा कि भारत 200 साल अमेरिका का गुलाम रहा। ये वो दौर था जब अमेरिका का सभी देशों पर राज था, मगर आज के समय में इतिहास बदला है।
 
इससे पहले तीरथसिंह रावत ने फटी जींस और शॉर्टस को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि औरतों को फटी हुई जीन्स में देखकर हैरानी होती है। उनके मन में यह सवाल उठता है कि इससे समाज में क्या संदेश जाएगा? फटी जींस मामले विवाद के बाद उनका दूसरा वीडियो पिछले गुरुवार को वायरल हुआ था।

वीडियो में वे श्रीनगर के कॉलेज का किस्सा सुनाते हुए लड़कियों के शॉर्टस पर टिप्पणी करते सुनाई दिए। तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार के नेत्र कुंभ के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान राम और कृष्ण से कर दी थी।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से द्वापर और त्रेतायुग में भगवान राम व कृष्ण को लोग उनके कामों की वजह से भगवान मानने लगे थे उसी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आने वाले समय में भगवान राम और कृष्ण की तरह मानने लगेंगे। इसे लेकर वे विपक्ष के निशाने पर आ गए थे।

महिलाएं बनेंगी गाइड और जिप्सी चालक 
भारत में पहली बार किसी टाइगर रिजर्व में 50 महिलाएं नेचर गाइड के रूप में और 50 महिलाएं जिप्सी चालक के रूप में पर्यटकों को सफारी करवाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नेशनल पार्क और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में कौशल विकास के माध्यम से 5 हजार युवकों और 5 हजार युवतियों को गाइड के रूप में तैयार किया जाएगा।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वन और जन की दूरी कम करने की पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में वन संरक्षण एवं संवर्द्धन में राज्य की महिलाओं की सीधी भागीदारी सुनिश्चित करने तथा इसके फलस्वरूप स्वरोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा। 
 
उन्होंने कहा कि इस दिशा में कार्बेट टाइगर रिजर्व में राज्य सरकार द्वारा उत्कृष्ट पहल की जा रही है। 
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि कार्बेट टाइगर रिजर्व में अगले पर्यटन सत्र के लिए 50 अतिरिक्त जिप्सियों का पंजीकरण किया जाएगा, जिनमें महिला जिप्सी चालक का पंजीकरण किया जाएगा। इन 50 जिप्सियों का संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को ‘वीर चंद्र सिंह गढ़वाली’ योजना के अंतर्गत जिप्सी क्रय करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।
 
 
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आमडंडा में जिम कार्बेट एवं वन्य जीवों पर आधारित ‘लाइट एंड साउंड शो एवं एम्फीथिएटर की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस के लिए खनिज न्यास से 2 करोड़ रुपए, उत्तराखंड वन विकास निगम से 1 करोड़ रुपए और कार्बेट फाउंडेशन द्वारा 1 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी और शेष आवश्यक धनराशि की व्यवस्था अन्य मदों से आवश्यकतानुसार की जाएगी। 
 
कार्बेट नेशनल पार्क के डेला रेंज में निर्माणाधीन विश्व स्तरीय वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू सेंटर को बाघों के दर्शन के लिए पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। रामनगर के उत्तरी छोर में कोसी नदी की बाढ़ से सुरक्षा हेतु तटबंध का निर्माण किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि रामनगर में कुमांउ और गढ़वाल से संचालित होने वाली बसों के लिए भी बस स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। कार्यक्रम में वनमंत्री डॉ. हरकसिंह रावत ने कहा कि जिस दिन महिलाओं, युवाओं के चेहरे पर मुस्कान आएगी, तब ही हमारी सरकार का त्योहार मनाना सार्थक हो पाएगा। कॉर्बेट के हित में हमने कई निर्णय लिए हैं। हमने महिलाओं को नेचर गाइड बनाने का हिंदुस्तान में पहला प्रयोग किया है, जिसके माध्यम से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। 
 
आज महिलाएं 25 हजार रुपए महीना कमा रही हैं और यह तो सिर्फ शुरूआत है। आगे हम इंस्टीट्यूट में नेचर गाइड की निशुल्क ट्रेनिंग देंगे और कई लोगों को रोजगार देंगे।
 
उन्होंने कहा कि हमने अपनी सरकार के चार साल में रामनगर में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म का काफी विकास किया है, जिससे यहां के व्यापारियों, युवाओं और महिलाओं को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम कंडी मार्ग को बनवाएंगे। इस सड़क का बनना देश की रक्षा के लिए भी जरूरी है। यह मार्ग देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
 
इस दौरान वन अधिकारियों ने बताया कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के लिए इस टूरिज्म सत्र में 73 नेचर गाइडों का चयन कर 15 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिनमें 8 महिला नेचर गाइडों को भी सम्मिलित किया गया। उन्होंने बताया कि जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व के ईको टूरिज्म की गतिविधियों में पहली बार महिलाएं सम्मिलित हुई हैं। प्रत्येक नेचर गाइड को 700 रुपए प्रति पाली आय पर्यटकों से प्राप्त होती है तथा प्रत्येक माह लगभग 25 हजार रूपए आमदनी होती है।

गर्जिया पर्यटन जोन की स्थापना के लिए 60 जिप्सी चालकों का कार्बेट टाइगर रिजर्व ने रजिस्ट्रेशन किया है, जिससे इन्हें भी प्रत्यक्ष रूप से ईको टूरिज्म गतिविधियों से रोजगार प्राप्त हो रहा है। इसके अतिरिक्त कार्बेट टाइगर रिजर्व में लगभग 100 नेचर गाइड पूर्व से ही ईको टूरिज्म में अपना योगदान दे रहे हैं।
पर्यटन गतिविधि से प्राप्त राजस्व का विवरण प्रस्तुत करते हुए वन अधिकारियों ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष फरवरी 2021 तक लगभग 1 लाख 65 हजार पर्यटक कार्बेट टाइगर रिजर्व का भ्रमण कर चुके हैं, जिससे लगभग 7.25 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
 
पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में 10.40 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। गर्जिया पर्यटन जोन इस वर्ष स्थापित किया गया है, जिससे लगभग 1 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष राजस्व प्राप्त होगा। वर्तमान में लगभग 73 नेचर गाइड तथा 60 जिप्सी चालकों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। वर्तमान में कार्बेट टाइगर रिजर्व के साथ लगभग 350 जिप्सियों व 150 नेचर गाइडों का रजिस्ट्रेशन किया गया है।

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