नई दिल्ली। Delhi ordinance : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समझा जाता है कि दिल्ली में समूह-ए संवर्ग के अधिकारियों की नियुक्ति और स्थानांतरण को सुगम बनाने के लिए एक प्राधिकार गठित करने के प्रावधान वाले विधेयक को मंगलवार को मंजूरी प्रदान कर दी। यह विधेयक संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा। इस अध्यादेश को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र सरकार के बीच लंबे समय से टकराव देखने को मिला है।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में विधेयक को मंजूरी दी गई।
समझा जाता है कि मानसूत्र सत्र में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक पेश किया जा सकता है।
कोई भी अध्यादेश राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर तब प्रख्यापित करते हैं जब संसद सत्र नहीं होता है। ऐसे में यह जरूरी होता है कि संसद उक्त अध्यादेश के स्थान पर कानून को अगला सत्र शुरू होने के 6 सप्ताह के भीतर अंगीकार करे।
विवादस्पद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश केंद्र सरकार द्वारा 19 मई को प्रख्यापित किया गया था।
इससे एक सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को सेवा से जुड़े मामलों का नियंत्रण प्रदान कर दिया था हालांकि उसे पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से जुड़े विषय नहीं दिये गए।
सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे।
इस अध्यादेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण नाम का एक प्राधिकरण होगा, जो उसे प्रदान की गई शक्तियों का उपयोग करेगा और उसे सौंपी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा। दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने इस अध्यादेश का पुरजोर विरोध किया है। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma